एक्शन मोड में योगी सरकार : यूपी में जारी हुए खान-पान की दुकानों से जुड़े दिशा-निर्देश, मिलावटखोरों पर कसेगी नकेल

योगी जी के रडार पर यूपी के मिलावटखोर, बैठक के बाद जारी किये दुकानों के लिए दिशा-निर्देश

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान के प्रतिस्थानों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद यूपी से सामने आ रहे खान पान की वस्तुओं में थूकने के मामले खत्म होंगे। 
 

उत्तर प्रदेश : बीते कुछ समय में देश के अलग-अलग कोनों से खान-पान की चीजों में थूकने या पेशाब मिलाने के काफी मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ ने ऐसे मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए कड़ी नियम इख्तियार किये हैं। 
इसके अलावा योगी सरकार ने दुकान के हर कर्मचारी के पुलिस वेरीफिकेशन का भी आदेश दिया है। इसी के साथ खाद्य अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने खान-पान की वस्तुओं में मिलावट पर रोक लगाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वाराणसी, लखनऊ, मथुरा और अयोध्या में प्रसाद को लेकर विवाद बढ़ने के बाद सीएम योगी ने ये बैठक बुलाकर अधिकारियों को मिलावटखोरों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। 

प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा : योगी आदित्यनाथ 

खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम योगी ने कहा कि, "हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं। ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।"

ये हैं यूपी सरकार की नई गाइडलाइंस 

मिलावटखोरों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ये नई गाइडलाइंस बनाई हैं- 
- खाना बनाने और परोसने वाले वेटर और शेफ को हर समय ग्लव्स और मास्क लगाना होगा। 
-खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। 
-होटल और रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा। ग्राहकों के बैठने के स्थान से लेकर प्रतिष्ठान के हर हिस्से को सीसीटीवी से कवर करना होगा। सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर संबंधित पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाएगा। 
-ढाबा-रेस्टोरेंट और खान-पान के प्रतिष्ठानों की सघन जांच होगी। इसके अलावा दुकान में काम करने वाले हर कर्मचारी का पुलिस वेरीफिकेशन भी कराना होगा। 
-खाने की वस्तुओं में गंदी चीजों की मिलावट करने पर संचालक-प्रोपराइटर पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। 
-खानपान केंद्रों की उचित साफ-सफाई की जाएगी और साथ ही खान बनाते समय ग्लव्स और मास्क को पहनना अनिवार्य होगा। इस सब में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। 
-खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने तथा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों की व्यावहारिकता को बनाए रखते हुए सख्ती से पालन किया जाए। इन नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।

काँवड़ यात्रा के समय सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक 

योगी सरकार ने ऐसा ही एक आदेश सावन के समय भी जारी किया था। उस समय सरकार ने काँवड़ यात्रा रूट पर मौजूद सभी दुकानों पर दुकान मालिक का नाम लिखने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। उस समय एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार के इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। उस दौरान भी यूपी सरकार ने कोर्ट में सफाई देते हुए कहा था कि दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने का निर्णय काँवड़ यात्रा की शांति को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।