Edited by : Kritika
राजस्थान : राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) में फर्जी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आया है, जिससे चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है। जांच में डीडवाना की एक महिला डॉक्टर का नाम सामने आया है, जो बिना किसी वैध डिग्री के सोनोग्राफी सेंटर चला रही थी।
फर्जीवाड़े का पूरा मामला
मामला तब सामने आया जब कई 12वीं पास लोगों ने आरएमसी से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। इन फर्जी डॉक्टरों ने बिना किसी वैध डिग्री के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कराए बिना रजिस्ट्रेशन करा लिया था। जब यह गड़बड़ी उजागर हुई, तो चिकित्सा विभाग हरकत में आया। इसमें शामिल आठ फर्जी डॉक्टरों में से एक, गीता कुमारी, डीडवाना में सोनोग्राफी सेंटर चला रही थी। इसके पहले, वह करौली के एक अस्पताल में भी प्रैक्टिस कर चुकी थी।
कार्रवाई और सस्पेंशन
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस मामले को एक स्कैम करार देते हुए कहा कि इसकी पूरी जांच की जाएगी और किसी को नहीं बख्शा जाएगा। सरकार ने इस मामले में एसीबी को जांच सौंपी है और आरएमसी के रजिस्ट्रार सहित तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही, एक 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।
सेंटर पर कार्रवाई
बलारा चिकित्सा विभाग की टीम ने गीता कुमारी के सोनोग्राफी सेंटर पर छापा मारा। केंद्र को किराए के भवन में संचालित किया जा रहा था, जिसे ताला लगाकर सीज कर दिया गया। हालांकि, कार्रवाई से पहले गीता कुमारी फरार हो गई, और चिकित्सा विभाग की टीम को मौके पर कोई भी डॉक्टर या कार्मिक नहीं मिला।
ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर अजीत बलारा ने कहा कि मामले की जांच जारी है और विभागीय स्तर पर दिशा-निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।