जयपुर के सांगानेर इलाके में हुए डबल मर्डर का मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है। सांगानेर, ब्रह्मपुरी, मालपुरा और अन्य थाना क्षेत्रों में हत्याएं, लूट और मादक पदार्थ तस्करी के मामले सामने आए हैं। इन सबको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती वारदातों को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा जयपुर को क्यों बनने दिया जा रहा है क्राइम कैपिटल? यह अखबार के समाचार हैं जिसमें जयपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट हो रही है। राजस्थान में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं पर ऐसा लगता है कि राज्य सरकार का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है। जयपुर में आए दिन मर्डर, रेप, लूट जैसे मामले आम होते जा रहे हैं। प्रदेश की राजधानी की ऐसी स्थिति है तो बाकी जिलों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। राज्य सरकार और पुलिस अपराधों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। जयपुर की जनता जानना चाहती है कि आखिर कब शहर में ऐसा वातावरण बन सकेगा जिससे आमजन में भय की स्थिति न रहे।
पूर्व सीएम ने पूछा जयपुर को क्यों बनने दिया जा रहा क्राइम कैपिटल
आपको बता दें की इससे पहले भी कई बार गहलोत भाजपा पर निशाना साध चुके हैं। महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में भी फरियादी पुलिस की उदासीनता की शिकायतें लेकर आते हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। ऐसे तमाम वीडियो सामने आए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री की जनसुनवाई तक में फरियादियों ने आकर पुलिस की ओर से सुनवाई न करने की शिकायतें दी हैं। ऐसा लग रहा है कि पुलिस परवाह नहीं कर रही है।
पूर्व सीएम ने पूछा जयपुर को क्यों बनने दिया जा रहा क्राइम कैपिटल
अशोक गहलोत ने दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर भी भाजपा सरकार को घेरा अशोक गहलोत ने कहा राजस्थान की भाजपा सरकार के शासन में दलितों के खिलाफ अत्याचार तेजी से बढ़े हैं। कुछ दिन पूर्व ही बाड़मेर में दलित की पेड़ से बांधकर मारपीट की वीडियो वायरल हुई थी और अब झुंझुनूं में पानी के मटके को छूने पर दलित के साथ बंधक बनाकर मारपीट की गई। ऐसा भी देखा जा रहा है कि राजस्थान पुलिस भी ऐसे गंभीर मामलों पर कार्रवाई करने की बजाय राजनीतिक बचाव में लगती है और पीड़ितों के ऊपर ही दोष आरोपित करने का प्रयास करती है। क्या किसी भी व्यक्ति से की गई मारपीट पर पुलिस द्वारा बहानेबाजी करना जायज है? क्या दोषियों की गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए थी? प्रदेश में भाजपा की सरकार आए अब एक वर्ष हो गया है और इनके कार्यकाल में दलितों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं जिससे दलित समुदाय में आक्रोश पैदा होता जा रहा है। समय रहते ही सरकार को चेत जाना चाहिए वर्ना प्रदेश की स्थिति और बिगड़ती चली जाएगी। जिस प्रकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तमाम विभागों की समीक्षा बैठकें करते हैं उसी प्रकार उनको इस एक वर्ष में दलितों के साथ हुए अपराधों एवं उन पर हुई कार्रवाई की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक करनी चाहिए जिससे दलितों को न्याय मिलने की एक उम्मीद जाग सके।