भाजपा के नाम बदलने को कांग्रेस ने बताया घटिया राजनीति 

अजमेर में होटल का नाम बदलने पर गरमाई सियासत

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भाजपा के नाम बदलने को कांग्रेस ने बताया घटिया राजनीति 

 

अजमेर के आरटीडीसी होटल खादिम का नाम बदलकर अब होटल अजयमेरु कर दिया गया है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी के निर्देश पर आरटीडीसी होटल का नाम बदला गया है। एक ओर जहां इस फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने आरटीडीसी होटल खादिम का नाम बदलने को भाजपा की घटिया सियासत करार दिया है। पूर्व आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आरटीडीसी होटल की बिल्डिंग को नाम देना ही था तो नई बिल्डिंग बनाकर देना चाहिए था। 

खादिम होटल कहलाएगा अब अजयमेरू 
पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने  भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि नाम बदलकर भाजपा झूठी वाहवाही लूट रही है। भाजपा की करतूतों से जनता वाकिफ है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बरसो पुरानी होटल खादिम का जो नाम परिवर्तन कर होटल अजयमेरु कर दिया है। होटल का नाम बदलने से पहले भाजपा सरकार को अजमेर वासियों की भावना को भी जानने की कोशिश करनी चाहिए। किसी धर्म विशेष के नाम को टारगेट करना कतई उचित नहीं है। क्योंकि अजमेर गंगा जमुनी तहजीब का शहर है और अजमेर चौहान वंशज की कर्म भूमि है।

नाम बदलने पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि अच्छा होता कि सरकार आरटीडीसी का पांच सितारा होटल बनाकर अजमेर को स्थापित करने वाले प्रथम राजा अजयपाल के नाम से अजयमेरु होटल का नाम रखते तो कोई बात होती। वर्षों पुरानी अजमेर की आरटीडीसी का नाम होटल खादिम था, जिसको बदलकर अब अजयमेरु कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम भी बदलने की तैयारी है।

होटल के नाम बदलने पर शुरू हुई सियासत 
वहीं इस मामले को लेकर अंजुमन कमेटी भी विरोध दश कार रही है। नाम बदलने से खफा अजमेर ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती दरगाह से जुडी संस्था अंजुमन कमेटीके सचिव सरवर चिश्ती ने एक बयान जारी कर इसका विरोध किया। सरवर चिश्ती ने कहा कि कभी इलाहबाद का नाम बदल दिया जा जा रहा, कभी मुगलसराय का नाम बदल दिया जा रहा है। कभी सराय कालेखां का नाम बदल दिया जा रहा है। सरवर चिश्ती ने कहा कि ये सब होते देख ऐसा लग रहा है कि हिस्ट्री को मिटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन रबड़ से तो मिटेगी नहीं। सरवरचिश्ती ने कहा कि ताजमहल, लाल किला और कुतुब मीनार इनका भी नाम बदल दो। सुप्रीम कोर्ट, प्रेसिडेंट हाउस, पार्लियामेंट, हाई कोर्ट, केंटोनमेंट, ऑफिसरबंगलो ये सब ब्रिटिशर्स केदिए हुए हैं। ये सब गुलामी के प्रतीक हैं। इनका नाम भी बदल दो।
आपको बता दें की नाम बदलने की सियासत नई नहीं है। अजमेर में बादशाह अकबर के लिए बनाए गए अकबर के किले का नाम भी परिवर्तित कर उसे अजमेर का किला कर दिया गया था। किले में वर्षों से राजकीय संग्रहालय का संचालन हो रहा है।