Edited by: Kritika
Rajasthan News: राजस्थान में पुलिस उप निरीक्षक (SI) भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक प्रकरण ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल को बढ़ा दिया है। इस मामले में अब दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षु थानेदारों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर डॉ. किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने परीक्षा को रद्द न करने की मांग की है।
प्रशिक्षु थानेदारों की मांग
प्रशिक्षु थानेदारों ने डॉ. मीणा से कहा, "हमारा पॉलीग्राफ टेस्ट ले लो और जो भी जांच करवानी हो, करवा लो, लेकिन भर्ती को रद्द नहीं किया जाए।" उनका कहना है कि दोषियों को सजा दी जाए, लेकिन उनके साथ अन्याय नहीं किया जाना चाहिए।
सरकारी मंथन और समिति का गठन
राजस्थान सरकार इस मामले में विचार कर रही है और एक 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति का संयोजन संसदीय कार्य विभाग मंत्री जोगाराम पटेल कर रहे हैं। समिति में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री सुमित गोदारा, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी, गृह विभाग राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, और सार्वजनिक निर्माण विभाग की राज्य मंत्री मंजू बाघमार शामिल हैं।
समिति की पहली बैठक 10 अक्टूबर को हुई थी, और अब इस मामले में अंतिम निर्णय 13 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का संघर्ष
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और एसओजी के वी.के. सिंह से भी मुलाकात की है। मीणा की मांग को लेकर कई अभ्यर्थी भी उनके साथ हैं और वे हाथों में तख्तियां लेकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।