लोकतंत्र सेनानियों को मिलेगी 20 हजार पेंशन, कुलगुरु कहलाएंगे कुलपति राजस्थान में अब कुलपति कहलाएंगे कुलगुरु, पुराने कानूनों को किया गया खत्म
Wednesday, 16 Apr 2025 13:30 pm

Golden Hind News

 

 

राजस्थान में चार नए कानून लागू हो गए। इन चारों कानून को राज्यपाल हरिभाऊ किशन राव बागड़े की मंजूरी मिल गई है जिसके बाद में भजनलाल सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। यह चारों कानून विधानसभा के वित्तीय सत्र में पारित किए गए थे जिन्हें अब राज्यपाल की मंजूरी मिली है। इसके बाद अधिसूचना जारी हुई और अब चारों कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान से जुड़ा विधेयक की इसमें शामिल है। इस विधेयक को राज्य सरकार की ओर से अपने पहले बजट सत्र में रखा गया था। दूसरे बजट सत्र के दौरान यह विधेयक पास हुआ। वहीं दूसरी और राजस्थान विश्वविद्यालय विधियां संशोधन विधेयक 2025 के तहत अब राजस्थान के विश्वविद्यालयों में कुलपति कुलगुरु कहलाएंगे। राजस्थान विद्या निरीक्षण अधिनियम 2025 लागू हो गया है। इस कानून के अंतर्गत पुराने कानून को समाप्त कर दिया गया है। 

विधानसभा में पारित 4 विधेयकों को मिली राज्यपाल की मंजूरी 
राजस्थान विश्वविद्यालय विधियां संशोधन विधेयक 2025 के अंतर्गत राजस्थान के विश्वविद्यालय में कुलपति का नाम अब कुलगुरु और प्रति कुलपति का नाम प्रति कूलगुरु कर दिया गया है।बीजेपी के नेताओं ने कुलपति के नाम में पति होने को गलत बताते हुए उसकी जगह गुरु करने की मांग की थी। उसके बाद सरकार ने राजस्थान विधानसभा में नाम बदलने के लिए बिल पेश किया था जिसे विधानसभा में पास किया गया है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा था कि भारतीय समाज में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण का कार्य गुरु करता है। कुलपति शब्द स्वामित्व को दर्शाता है, जबकि गुरु शब्द के साथ विद्वता और आत्मीयता भी जुड़ी है। प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाना राज्य सरकार का लक्ष्य है।

राजस्थान में लागू होंगे 4 नए कानून 
राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2024 भी अब लागू हो गया है। आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से यह कानून लागू किया गया है। वर्तमान में राजस्थान में 1,140 लोकतंत्र सेनानी या उनके आश्रित हैं। इन्हें हर महीने 20000 रुपए पेंशन, 4000 रुपए मेडिकल भत्ता और रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी।‌ मृत्यु के बाद,  उनके जीवनसाथी को आजीवन ये सुविधाएं मिलती रहेंगी। इन्हें राष्ट्रीय पर्वों पर भी आमंत्रित किया जाएगा। पहले यह सुविधा नियमों के तहत दी जा रही थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था। अब बीजेपी सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है। राजस्थान विधियां निरसन अधिनियम 2025 के तहत राजस्थान के 45 अप्रचलित और पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। जिन कानूनों को समाप्त किया गया है उनमें से अधिकतर कानून पंचायती राज विभाग से संबंधित है। जिनका अब कोई भी उपयोग नहीं रहा। ‌ इस मामले में सरकार का तर्क है कि इससे प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी और अनावश्यक जटिलताएं भी खत्म हो जाएगी। राजस्थान विधियां संशोधन अधिनियम 2025 में लागू किया गया है जिसके तहत नगर सुधार न्यासी और प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं होगी। उदयपुर, कोटा, जोधपुर, जयपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण में न्यायाधीशों की आवश्यकता को समाप्त करने वाला विधायक पारित कर दिया गया है। यह  विधेयक सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम निर्णय के बाद ही लाया गया है। इससे प्राधिकरण की शक्तियों पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा साथ ही राज्य सरकार एक सम्मान सेवा शर्तें निर्धारित भी कर सकेगी।