पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के तिखे तेवर अब सियासी बहस का केंद्र बन चुके हैं। वसुंधरा राजे ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पाई-पाई का हिस्सा मांगा था। इसके बाद विपक्ष ने भजनलाल सरकार को घेरना शुरू कर दिया। वहीं भाजपा ने इसे घरेलू मुद्दा बताते हुए विपक्ष को पंचायती नहीं करने की सलाह दी है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया। मदन राठौड़ ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि उनकी पार्टी और सरकार के मामले में पंचायती नहीं करें उनका घर का मामला है वह अपने आप देख लेंगे। मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए। जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे। वसुंधरा राजे की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने इस पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने भजनलाल सरकार से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी हैं। इधर, केंद्रीय मंत्री के इस क्विक एक्शन पर राजस्थान के सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।
वसुंधरा राजे के बयान पर छिड़ी सियासी बहस
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर परिवार करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है। राठौड़ ने कहा कि अधिकारियों की खिंचाई की तो ठीक बात है ना इसमें कौई दिक्कत नहीं है। राठौड़ ने कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और दो बार मुख्यमंत्री रही है। आज जो विपक्ष जबरन बयान बाजी कर रहा है, जबकि ये सब खामिया तो विपक्ष जब सरकार में था तब की है. ये अपनी सरकार में काम किए होते तो कहां तकलीफ होती. विपक्ष का काम सिर्फ सिर्फ मुद्दा उठाना और हल्ला मचाना है, हम अधिकारी के बचाव के लिए हम अपने आप को क्यों कटघरे में खड़ा करें. कांग्रेस को अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए। आपको बता दे की वसुंधरा राजे की नाराजगी और उनका गुस्सा दिल्ली तक भी पहुंच गया है। जल शक्ति मंत्रालय भी राज्य के बयान के बाद हरकत में आ गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने भी जल संकट को लेकर चिंता जताई है।
विपक्ष ने मुद्दा बनाया तो भाजपा ने दी पंचायत नहीं करने की सलाह
राजे ने रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए थे। राजे ने कहा था की प्रधानमंत्री ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रिट्वीट करते हुए सरकार को खेलने की कोशिश की थी। टीकाराम जूली ने कहा था की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है।