औरंगजेब को लेकर विवाद अभी तक थमा भी नहीं है कि अब राणा सांगा की एंट्री हो गई है। राणा सांगा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। तन पर 80 घाव, एक आंख और एक हाथ बिना लड़ने वाले राणा सांगा को लेकर विवादित बयान से नया संग्राम शुरू हो गया है। सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने सांगा द्वारा बाबर को इब्राहिम लोदी पर हमले के लिए बुलाने की बात कही। जिसका विरोध राजस्थान सहित देश भर में किया जा रहा है। कई राजपूत नेता इस मामले को लेकर मुखर हो गए हैं। भाजपा और कांग्रेस से जुड़े राजपूत नेताओं ने सपा सांसद के बयान को शर्मनाक बताया और राजस्थान का अपमान बताते हुए देश से माफी मांगने की मांग कर डाली है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने इस बयान की निंदा करते हुए विरोध जताया है।
सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने दिया राणा सांगा पर विवादित बयान
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसका विरोध जताते हुए कहा अपने माथे का तिलक पोंछने वाले
जाने किस आईने में सूरत देखते हैं। महाराणा सांगा को ग़द्दार कहना केवल और केवल तुष्टिकरण की ओछी राजनीति है। यह उस विशेष वर्ग को ख़ुश करने की तुच्छ चेष्टा है जो आक्रांताओं को अपना हीरो मानता है।सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने अपरोक्ष रूप से बता दिया है कि उनकी पार्टी के संस्कार कैसे हैं। जिन्होंने गुंडागर्दी को जनसेवा जाना उन नेताओं की पार्टी का सांसद क्या जाने कि मातृभूमि रक्षार्थ तन पर 80 घाव लेकर भी आक्रांताओं को उनकी जगह बताना क्या होता है! शेखावत ने कहा सपा सांसद को अपनी पार्टी से मिले निर्देश को भूलकर चिंतन करना चाहिए और अखिल भारत के नायक महाराणा सांगा के प्रति अत्यंत निम्न टिप्पणी के लिए पूरे देश से क्षमा मांगनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा की वीर शिरोमणि महाराणा सांगा जिनके शौर्य की गाथा राजस्थान की मिट्टी के कण-कण से सुनाई देती है। जिनकी वीरता की कहानी सुनकर यहां बच्चे बड़े हुए हैं, 80 घाव खाकर भी देश के लिए लड़ने वाले देशभक्त योद्धा के लिए कहा गया 'गद्दार' शब्द, ना सिर्फ महाराणा सांगा और राजस्थान, बल्कि देश के शौर्य और बलिदान का भी अपमान है।सपा सांसद रामजी लाल सुमन का यह बयान शर्मनाक और निंदनीय है। उन्हें देश की वीरता को कलंकित करने वाले इन कटु शब्दों के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए।
सपा नेता के बयान पर मुखर हुए राजपूत नेता
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह ने विरोध जताते हुए कहा कि अस्सी घाव लगे थे तन पे, फिर भी व्यथा नहीं थी मन में” मातृभूमि की रक्षा में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले, अदम्य साहस, वीरता,त्याग और स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा सांगा पर सासंद राम लाल सुमन द्वारा संसद में अमर्यादित टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है व माफ़ी योग्य नहीं है। उन पर सख़्त करवाई होनी चाहिए। प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा की में भारत सरकार से अपील करूंगा की संसद में ऐसा प्रस्ताव लेकर आए जिससे इतिहास के महापुरुषों पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालो की संसद सदस्यता रद्द की जा सके। रविंद्र सिंह भाटी ने कहा की महाराणा सांगा केवल एक महान योद्धा नहीं, बल्कि साहस, स्वाभिमान और अदम्य पराक्रम के प्रतीक थे।