एक बार फिर ओलंपिक स्वर्ण घर लाने को तैयार नीरज चोपड़ा, फाइनल में पहुंचे
Monday, 05 Aug 2024 13:30 pm

Golden Hind News

मंगलवार को हुए पेरिस ओलंपिक फाइनल में जगह बनाकर भारत की शान नीरज चोपड़ा ने लगतार दूसरी बार ओलंपिक फाइनल में जगह बना ली है। इसी के साथ वे अपने दूसरे गोल्ड मेडल के और करीब आ चुके हैं। 

 

भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ओलंपिक में लगातार दो बार गोल्ड जीतने वाले विश्व के पांचवें जैव्लिन थ्रोअर बनने से अब बस एक कदम दूर हैं। मंगलवार को पेरिस में सीन नदी के तट पर बने हुए स्टेट द फ़्रांस स्टेडियम में ग्रुप बी जैव्लिन थ्रो क्वालिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर का थ्रो कर के ओलंपिक फाइनल में जगह बना चुके हैं। 
89.34 मीटर का यह थ्रो उनके कैरियर का दूसरा सबसे लंबा थ्रो है। नीरज चोपड़ा ने अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो स्टॉकहोम डायमंड लीग में 89.94 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर हासिल किया था। पेरिस ओलंपिक 2024 के क्वालिफिकेशन राउंड में अपने दमदार प्रदर्शन से नीरज चोपड़ा ने पहले ही राउन्ड में फाइनल में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया। उनके अलावा पूरे क्वालिफिकेशन राउंड में और कोई भी ऐथलीट 89 मीटर की दूर तक भी नहीं पहुँच पाया। उनके अलावा पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम भी 86.59 मीटर दूरी तक भाला फेंक कर फाइनल में जगह बना चुके हैं। अरशद ने भी क्वालिफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में ये दूरी तय करक फाइनल में अपनी जगह बनाई। अब अपने अपने देश की शान ये खिलाड़ी 8 अगस्त की रात 11.30 बजे एक बार फिर फाइनल में आमने सामने होंगे।     

अपने लाडले के गोल्ड से गाँव खंडरा में जश्न का माहौल 

भारत की शान नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गाँव के रहने वाले हैं। नीरज के गाँव खंडरा में सभी को सुबह से ही उनके भाला फेंकने का इंतज़ार था। तीज आने से पहले ही गाँव की महिलाओं ने उनके घर पहुँच कर खुशी के अवसर पर गाए जाने वाले मंगल गीत गाए। गाँव में जगह-जगह एलईडी लगाई गई थीं। जैसे ही पेरिस की धरती पर नीरज ने भारत का झण्डा गाड़ा वैसे ही पूरे गाँव की खुशी का ठिकाना ना रहा। पूरी दुनिया के साथ-साथ गाँव के हर आदमी को भी अब अपने लाल की फाइनल जीत का बेसब्री से इंतज़ार है। 

नीरज से पहले ये पाँच खिलाड़ी जीत चुके हैं दो जैव्लिन ओलंपिक गोल्ड 

अगर भारत के नीरज चोपड़ा 8 अगस्त को होने वाले फाइनल में भी जीत जाते हैं तो वे ऐसा करने वाले दुनिया के मात्र पांचवें जैव्लिन थ्रोअर बन जाएंगे। अब तक स्वीडन के एरिक लेमिंग (1908 और 1912), फिनलैंड के जोन्नी माइरा ( 1920 और 1924), चेक गणराज्य के चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी (1992 और 1996) और नॉर्वे के आंद्रियास टी (2004 और 2008) ही लगातार दो ओलंपिक गोल्ड जीत पाए हैं।