अनियमितता की शिकायत पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी हनुमानगढ़ जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गोदाम आवंटन में अनियमितता की शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी
Friday, 28 Feb 2025 00:00 am

Golden Hind News

सहकारिता मंत्री गौतम कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि हनुमानगढ़ जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गोदाम आवंटन प्रकिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुशासन स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। किसी भी माध्यम से अनियमितता सम्बन्धी शिकायत प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है I

सहकारिता राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ जिले में गोदाम निर्माण में पाई गई अनियमितता के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी दिन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य प्रबंधक, केंद्रीय सहकारी बैंक, हनुमानगढ़ को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई। इसके अलावा प्रधान कार्यालय स्तर से प्रत्येक जिले में निरीक्षक दलों द्वारा निरीक्षण भी करवाया गया। उन्होंने कहा कि गोदाम निर्माण के कार्यों में पारदर्शिता बनाये रखने एवं किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा समितियों का गठन भी किया गया है।  

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की महती योजना 'सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना'  के तहत उन जिलों को प्राथमिकता दी जानी है, जिनमें भण्डारण क्षमता अपेक्षाकृत कम है। भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त सूची के अनुसार प्रदेश के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं कोटा जिले में उपज के अनुपात में भण्डारण क्षमता अपेक्षाकृत कम होने से इन जिलों में भण्डारण निर्माण को प्राथमिकता देते हुए श्रीगंगानगर में 17, हनुमानगढ़ में 15 एवं कोटा में 13 गोदाम स्वीकृत किये हैं। परिणामस्वरूप इन जिलों की भण्डारण क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।

इससे पहले विधायक संजीव कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता मंत्री  ने बताया कि वर्ष 2024-25 में राजस्थान सरकार की बजट घोषणा अन्तर्गत प्रदेश की 211 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में शत-प्रतिशत अनुदान पर गोदाम निर्माण कराया जा रहा है। इस हेतु कुल 3832 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। जिसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

 2024-25 के दौरान प्रदेश में 80 कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना की गई

उन्होंने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु शत प्रतिशत अनुदान के स्थान पर केन्द्र सरकार से लागत के 80 प्रतिशत (अधिकतम रुपए  8 लाख) तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। (अधिकतम रुपए  लाख) तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। वर्ष 204-25 के दौरान प्रदेश में 80 कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना की गई। इस हेतु 640 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। जिसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ जिले में उक्त योजनान्तर्गत 15 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 500 मेट्रिक टन के गोदामों के निर्माण हेतु (प्रति गोदाम 25.00 लाख रुपए) एवं 03 ग्राम सेवा सहकारी समितियों  में 100 मेट्रिक टन के गोदाम निर्माण हेतु (प्रति गोदाम 12.00 लाख रुपए) कुल 411.00 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जिसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने जानकारी दी कि कस्टम हायरिंग सेन्टर (ग्राम सेवा सहकारी समिति थालडका) हेतु 08.00 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।

 बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी कर आवंटन किया जाता है

सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि समितियों के पास वैध स्वामित्व वाली भूमि उपलब्ध होने एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्समय उपलब्ध बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी कर आवंटन किया जाता है। कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार केन्द्रीय सहकारी बैंकों की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट के आधार पर स्वीकृति जारी कर कस्टम हायरिंग सेन्टर का आवंटन किया गया है।

उन्होंने बताया कि उक्त आवंटन बाबत् ग्राम सेवा सहकारी समितियों से प्रस्ताव मांगे गये थे। केन्द्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ द्वारा उक्त जिले की 18 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से गोदाम निर्माण के प्रस्ताव भिजवाये गये जिनकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कस्टम हायरिंग केन्द्र का 1 प्रस्ताव प्राप्त हुआ जिसको स्वीकृत किया जा चुका है। समितियों के पास वैध स्वामित्व वाली भूमि उपलब्ध होने एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्समय उपलब्ध बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति पर विचार किया जाता है।