डोटासरा ने साधा भाजपा और आरएसएस पर निशाना, कहा मेरी इज्जत को सदन में किया तार-तार  सियासी घमासान के बीच मंत्री की माफी पर अटके डोटासरा,कहा- अन्यायपूर्ण है देश के महानायकों का अपमान
Wednesday, 26 Feb 2025 12:30 pm

Golden Hind News

 

दादी शब्द को लेकर राजस्थान की विधानसभा में उठा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष की ओर से लगातार सदन का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को गतिरोध का जिम्मेदार ठहरा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की स्पीकर वासुदेव देवनानी को किसी प्रकार का भ्रम है तो वे मिलकर उस भ्रम को दूर करने के लिए तैयार है। डोटासरा ने कहा सदन में उनकी गैरमौजूदगी में जिस तरह की चर्चा हुई जिसमें कहा गया विधायक बनने लायक नहीं है यह कानून सम्मत नहीं है। लेकिन सदन चले इसके लिए वह स्पीकर से मुलाकात कर उनका भ्रम दूर कर सकते हैं। 

डोटासरा ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं 
डोटासरा ने कहा विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के भीतर एवं सदन नहीं चलने के दौरान हुए संपूर्ण घटनाक्रम पर सदन में मेरे द्वारा प्रकट किए गए खेद के एक-एक शब्द की गवाह राजस्थान की जनता है। लेकिन उसके बावजूद अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को एक समाचार पत्र में छपी कपोल-कल्पित ख़बर पर भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा है। वासुदेव देवनानी अच्छे एवं नेक इंसान हैं लेकिन बिना तथ्यों को जाने एवं बिना दूसरे पक्ष की सुने अवास्तविक हवाई ख़बर पर यूं प्रतिक्रिया देंगे यह अपेक्षा से परे है। डोटासरा ने कहा फिर भी उन्हें कष्ट पहुंचा है, तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलकर खेद प्रकट करूंगा लेकिन सवाल फिर भी मंत्री की माफी का बाकी रहेगा, जो समझौते में तय हुआ था और जिसका जिक्र स्वयं अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यवाही के दौरान किया था।

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा स्पीकर को हुआ है कोई भ्रम 
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा सदन में उत्पन्न गतिरोध का कारण मंत्री अविनाश गहलोत की अशोभनीय टिप्पणी है, जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के लिए की है। देश के लिए बलिदान देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। न तो मंत्री की माफी हुई है और न ही अशोभनीय टिप्पणी को हटाया गया है जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण और देश के महानायकों का अपमान है। डोटासरा ने कहा हम चाहते हैं कि गतिरोध टूटे, पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाएं और प्रदेश की जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो। इसलिए पूरे घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, हमारे वरिष्ठ सदस्यों एवं स्वयं मेरे द्वारा खेद प्रकट किया जा चुका है। लेकिन इन सबके बावजूद क्या अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के लिए मंत्री से माफी मंगवाने और अपमानजनक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाना क्या इतना बड़ा काम है? या अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सरकार के दबाव में यह कार्य करवा नहीं पा रहे हैं? डोटासरा ने कहा आरएसएस के इशारे पर यह प्रयास किया जा रहा है कि यह बोले ही नहीं तो हमारी रोटी सिकती रहे और हम पर्चियों से काम करते रहे। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि इंदिरा गांधी को लेकर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी आज भी सदन की कार्यवाही में है। लेकिन मेरी इज्जत को सदन में तार-तार किया गया। यह भाजपा और आरएसएस का असली चेहरा है।