गहलोत ने कहा भारतीय जनता पार्टी चुनावी हिन्दू पार्टी, तो वही जोराराम ने कहा कांग्रेस ने मदरसों का रख गहलोत ने साधा भाजपा सरकार सरकार पर निशाना तो मंत्री जोराराम कुमावत ने किया पलटवार
Wednesday, 12 Feb 2025 00:00 am

Golden Hind News

राजस्थान में लगातार मंदिरों और पुजारी की सुविधा को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां सालों पुरानी परंपरा टूटने को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए हैं तो वही भाजपा सरकार में मंत्री जोराराम कुमावत ने पलट वार करते हुए झूठा आरोप लगाने की बात कही। जोराराम कुमावत ने कहा की कांग्रेस सरकार के राज में मंदिरों से ज्यादा मदरसों पर ध्यान दिया गया था। कांग्रेस सरकार ने पशुपालकों को गुमराह किया। एक भी पशु भूमि का क्लेम पास नहीं किया गया। जोराराम कुमावत ने कहा की इनकी बातों में कोई भी सच्चाई नहीं है।

गहलोत ने कहा भाजपा सरकार की लापरवाही से इस 521 साल पुरानी परंपराएं टूटी
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था की उत्तर भारत के प्रमुख वैष्णव तीर्थ गलता जी की जिम्मेदारी अभी राज्य सरकार संभाल रही है। परन्तु भाजपा सरकार के लापरवाह तरीकों से इस पवित्र तीर्थ की 521 साल पुरानी परंपराएं टूट गईं  और 23 दिन से भगवान के लिए यह सरकार फूल मालाएं भी उपलब्ध नहीं करवा सकी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जब भगवान के नाम पर वोट मांगने वाली पार्टी की सरकार भगवान के लिए मालाएं तक नहीं उपलब्ध करवा रही। भारतीय जनता पार्टी चुनावी हिन्दू पार्टी है। वोट लेने के लिए चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति करती है, जनता को भ्रमित करने के लिए प्रयागराज में कैबिनेट बैठक करती है पर प्रदेश की राजधानी में स्थित तीर्थ की सेवा भी भाजपा सरकार में नहीं हो रही है।

मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कांग्रेस ने मंदिरों से ज्यादा मदरसों पर दिया ध्यान 
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा सरकार में मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा की अशोक गहलोत के आरोप में कोई भी सच्चाई नहीं है। गलता जी के साथ-साथ अधीनस्थ मंदिरों में आवश्यक कार्यों के भुगतान और मंदिरों में सेवा पूजा के लिए 48 लाख रूपए कि स्विकृति जारी की जा चुकी है। सरकार के आदेश के बाद ही गलताजी के मंदिरों में भोग की सामग्री और माला आदि की व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है। देवस्थान मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों प्रयागराज स्थित राजस्थान मंडपम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में सेवा, पूजा, भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक, जल एवं प्रकाश सहित सुरक्षा संचालन आदि व्यवस्थाओं के लिए भोगराग को दोगुना करते हुए प्रति मंदिर 3 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही अंशकालिक पुजारी को दिए जा रहे हैं मानदेय को भी बढ़ा दिया गया है। मंदिरों के विकास कार्य के लिए 101 करोड रुपए दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है।

लंपी वायरस के दौरान सरकार होटलों में कर रही थी आराम
 जोराराम कुमावत ने कहा कि पिछली सरकार मुस्लिम वोट साधने के लिए मदरसों में सुविधाओं पर फोकस कर रही थी। और इसके लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए। भाजपा सरकार सनातन का पालन करते हुए अपने मंदिरों के लिए काम करती है। सर्वे भवंतु सुखिन में विश्वास करती है। कांग्रेस ने कभी भी मंदिरों के जीर्णोद्धार और सुविधाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान नहीं दिया। इस दौरान कामधेनु पशु बीमा योजना को लेकर भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा और कहा की यह केवल कागजी योजना थी। जो केवल आंकड़ों की ही जादूगरी थी। जब पशु लंपी रोग से मर रहे थे तब गहलोत सरकार के मंत्री होटल में आराम फरमा रहे थे।