हिंदू आदिवासी के बाद में अब निमंत्रण पत्र पर छिड़ा विवाद, राजकुमार रोत ने भाजपा पर लगाए आरोप  हिंदू आदिवासी मुद्दे पर एक बार फिर BJP और BAP में छिड़ी जंग, राजकुमार को रोत ने लगाए साजिश के आरोप
Sunday, 09 Feb 2025 12:30 pm

Golden Hind News

राजस्थान में हिंदू-आदिवासियों को लेकर उपजे विवाद के बाद सियासत गरमा गई है। डूंगरपुर में बेणेश्वर मेले को लेकर सांसद राजकुमार रोत ने बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुए फर्जी निमंत्रण पत्र बांटने का आरोप लगाया है। दरअसल, बेणेश्वर मेले के लिए प्रशासन की ओर से निमंत्रण पत्र जारी किया गया था। इसको लेकर सांसद रोत का आरोप है कि बीजेपी ने फर्जी तरीके से प्रशासन का दुरुपयोग कर हिंदी में बने निमंत्रण पत्र को बांट दिए। जबकि इस मेले को लेकर प्रशासन ने अंग्रेजी में निमंत्रण पत्र जारी किया था। सांसद राजकुमार रोत ने उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत को भी आड़े हाथों लेते कहा कि उन्होंने लोगों की आस्था और बेणका महोत्सव पर कलंक लगाने का काम किया है।

राजकुमार रोत ने फर्जी निमंत्रण पत्र बटवाने के लगाए आरोप 

सांसद राजकुमार रोत ने कहा बेणश्वर धाम को बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत ने राजनीतिक मंच बनाकर लोगों की आस्था व बेणका के महत्व पर कलंक लगाने का काम किया है। साथ ही बीजेपी नेताओं ने BAP पार्टी के विधायक उमेश डामोर के साथ बदतमीजी की। बीजेपी के कुछ नेताओं ने पहला कृत्य तो छलकपट से प्रशासन के नाम का दुरुपयोग करके चोरी छुपे फर्जी निमंत्रण कार्ड बनाया। सांसद ने वक्तव्य में बेणका धाम के विकास की बात ना कर झारखंड व धर्मों की बात व भगवान बिरसा मुंडा, बेणका व मानगढ़ धाम के संबंध में गलत तथ्य भी दिये, सांसद रावत ने पवित्र स्थान बेणका की छवि धूमिल करने का काम किया है।
भाजपा ने इस धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक रूप देने का काम किया। उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने शुरू में तो ठीक भाषण दिया, लेकिन बाद में वो नक्सलवाद, झारखंड सहित कई अन्य मुद्दों पर बात करने लगे। वो इनडायरेक्ट तौर पर बीएपी सांसद पर कमेंट कर रहे थे। विधायक ने यही विरोध किया कि यह धार्मिक कार्यक्रम है, यहां राजनीति की बात नहीं की जानी चाहिए।

राजकुमार रोत ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 
दरअसल पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब बेणेश्वर मेले के उद्घाटन समारोह में उदयपुर से भाजपा सांसद मन्नालाल रावत ने कहा कि आदिवासी सनातन व अनादिकाल से सनातन हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है, जो अस्थि विसर्जन, त्रिवेणी में स्नान, पूजा-अर्चना सहित धार्मिक क्रिया-कर्म कर रहा है। सांसद ने राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि कुछ विचारधारा के लोग आदिवासी को हिंदू नहीं कहते हैं। यह बात छत्तीसगढ़ के एक ईसाई मिशनरी ने कही थी। पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि सन्त मावजी महाराज ने धर्म का प्रचार-प्रसार किया। हमें भी एकसाथ आपस में भाई-चारे व सामाजिक समरसता से रहना होगा। सांसद के बयान के दौरान ही आसपुर से बीएपी के विधायक उमेश डामोर व कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध कर दिया। 

बेणेश्वर धाम में हिंदू आदिवासी मुद्दे पर आपस में भिड़े नेता 
जब सांसद बोल रहे थे तो आसपुर विधायक उमेश डामोर उन्हें बीच-बीच में टोक रहे थे। इसके साथ ही कुछ बीएपी कार्यकर्ता दूर से टीका टिप्पणी करने लगे। एक मौके पर तो जुबानी जंग इतनी अधिक बढ़ गई कि बीएपी नेता और भाजपा नेताओं में लगभग तू-तू, मैं-मैं की स्थिति आ गई। दोनों पक्ष आदिवासियों के हिन्दू होने, न होने के मुद्दे पर खासी तकरार में पड़ गए। मामला इतना बढ़ गया कि पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा एवं बीएपी विधायक उमेश डामोर आमने-सामने हो गए तथा कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम छोड़कर जाने लगे। आसपुर के पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा नाराज हो गए और बीएपी कार्यकर्ताओं को फटकार लगाई। सांसद ने भी बाहर से आए लोगों पर क्षेत्र का माहौल खराब करने का आरोप लगा दिया। पुरा कार्यक्रम हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधायक डामोर और पूर्व विधायक मीणा की एक दूसरे से जमकर तीखी नोंकझोंक हुई।