राजकुमार रोत ने भजनलाल सरकार पर उठाए सवाल, मंत्रीयों को दे दी चेतावनी  राजकुमार रोत ने भजनलाल सरकार पर बोला हमला, TAD विभाग में गड़बड़ी का लगाया आरोप 
Friday, 17 Jan 2025 12:30 pm

Golden Hind News

 

वागड़ क्षेत्र के मां बाड़ी केंद्रों में बच्चों के नामांकन में भारी कमी और सुविधाओं की कमी को लेकर बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रीय विकास विभाग पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग की नीतियों के चलते हजारों आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। रोत ने सरकार से सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की है। राजकुमार रोत ने कहा की बच्चों के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि सरकार इसका जल्द समाधान नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा।

राजकुमार रोत ने TAD विभाग में गड़बड़ियों के लगाए आरोप 
राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा TAD विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्रों पर पिछले 3-4 माह से खाद्य सामग्री, स्टेशनरी एवं विभागीय नियमानुसार अन्य सुविधा बच्चों को नहीं मिलने से हजारों आदिवासी बच्चों का केंद्रों से पलायन और शिक्षाकर्मियों को भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा। TAD मंत्री महोदय होश में आओ। आपकी गलत नीतियों की वजह से हजारों आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। महाप्रबंधक जी, TAD मंत्री महोदय के वहां टाइम टू टाइम बढ़िया माल पहुंचा रहे हो वो आपको ध्यान है लेकिन छात्रावासों में आदिवासी समाज के बच्चे घटिया सामग्री से बना खाना खाने को मजबूर हैं और मां-बाड़ी केन्द्रों पर पिछले 2-3 माह से बच्चे भूखे रह रहे है वो नहीं पता है। डबल इंजन की सरकार में TAD विभाग भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा रखा है। इसके साथ ही राजकुमार रोत ने एक वीडियो भी शेयर किया है। आईए आपको भी सुनाते हैं क्या कुछ कहा राजकुमार रोत ने....

आदिवासी बच्चों का मां बाड़ी केंद्रों से हो रहा पलायन 
राजकुमार रोत ने कहा कि अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को पहले जो सुविधाएं और भोजन मिल रहा था वह अब बंद हो गया है। शिक्षाकर्मी बच्चों को बुलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सामग्री और सुविधाओं के अभाव में बच्चे केंद्रों में टिक नहीं पा रहे हैं। इस बीच, यह भी जानकारी मिली है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार और निजी स्वार्थ के कारण प्रक्रियाओं में देरी हो रही है, जिससे आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है, बल्कि सच्चाई यह है कि टीडी विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। आदिवासी बच्चों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। यदि जल्द ही मां बाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं का वितरण शुरू नहीं हुआ, तो हमारी पार्टी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

आपको बता दें की मां बाड़ी केंद्रों का उद्देश्य 6 से 12 साल के आदिवासी बच्चों को गांवों में ही प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके साथ ही साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जा सके। मां बांड़ी केंद्रों पर अधिकतम 30 बच्चों का नामांकन किया जाता है।