पुलिस गिरफ्त में छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले पेपर लीक माफिया  पेपर लीक माफियाओं पर चला पुलिस का चाबुक, 50 से ज्यादा ट्रेनी SI को किया गिरफ्तार
Sunday, 22 Dec 2024 12:30 pm

Golden Hind News

 

साल 2024 अलविदा कहने को है। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मुद्दा पूरे साल छाया रहा। पेपर लीक के मुद्दे में खूब चर्चाएं बटोरी। पेपर लीक के मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। पिछले साल यानी की 2023 के अंत में भजनलाल सरकार सत्ता में आई थी। सरकार ने सत्ता में आते ही भर्ती परीक्षा में धांधली रोकने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू किए। सरकार की ओर से एसआईटी का गठन किया गया। जिसकी कमान एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक विके सिंह को सौंपी गई।  एसआईटी ने इस साल उप निरीक्षक यानी की एसआई, जेईएन, शिक्षक, व्याख्याता और पीटीआई सहित कई अन्य भर्तियों में पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास कराने और फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के कई मामलों का खुलासा किया। 

पेपर लीक मामले में पुलिस प्रशासन ने कसा शिकंजा 
राजस्थान पुलिस अकादमी में एसओजी ने छापेमारी की। यह पहली बार था जब राजस्थान पुलिस अकादमी में ऐसी कार्रवाई हुई। एसओजी ने 50 से ज्यादा ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया। इसके बाद में जांच आगे बढ़ती गई और यह जांच राजस्थान लोक सेवा आयोग तक पहुंची। एसओजी ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो पूर्व सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। 

आरपीएससी के 2 पूर्व सदस्य भी चढ़े पुलिस के हत्थे 
एसओजी ने मार्च में एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बिठाने के मामले का खुलासा किया। इसके बाद में ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारिका सिलसिला शुरू हुआ और एक के बाद एक 50 से अधिक गिरफ्तारियां हुई। पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी ग्रुप से जुड़े करीब 30 से ज्यादा लोग शिकंजे में फंसे।  जब एक के बाद एक परते खुलने लगी तो सामने आया कि आरपीएससी के सदस्य रामू राम राइका ने अपने बेटे और बेटी को परीक्षा पास करने के लिए दूसरे सदस्य बाबूलाल कटरा से पेपर खरीदा था। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में जगदीश बिश्नोई, तुलसाराम कालेर और भूपेंद्र सारंग जैसे कई पेपर लीक माफिया एसओजी के हत्थे चढ़े।
एसओजी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जगदीश विश्नोई के गिरोह ने जयपुर के एक निजी स्कूल के परीक्षा केंद्र से एसआई भर्ती का पेपर लीक किया। इसके अलावा बीकानेर में तुलसाराम कालेर के गिरोह ने भी पेपर लीक करने और ब्लूटूथ से नकल कराने का खुलासा किया। रामूराम राईका ने अपने बेटे और बेटी के लिए बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था और इस चैनल से पेपर कई लोगों तक पहुंचा।

पुलिस गिरफ्त में छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले पेपर लीक माफिया 
कनिष्ठ अभियंता भर्ती के पेपर लीक मामले में मुख्य सरगना और खुख्यात अपराधी जगदीश बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया गया। जब एक के बाद एक गिरफ्तारी हुई तो कनिष्ठ अभियंता सहित कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक से जुड़े राज सामने आने लगे। पटवारी भर्ती में भी बड़े स्तर पर धांधली की जानकारी एसओजी को मिली। इस मामले में भी एसओजी ने 30 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। 

राजस्थान सरकार ने पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए की एसआईटी गठित
एसओजी ने फर्जी डिग्रीस इन नौकरी लेने वालों का खेल भी उजागर किया। इस मामले में चार दलालों को गिरफ्तार किया गया। एसओजी ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक सहित तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया। जब जांच की तो सामने आया कि 9 साल में 1300 से भी ज्यादा फर्जी डिग्रियां बांटी गई और करोड़ों रुपए वसूल किए गए।  इस ग्रहण के तार राजस्थान से कई अन्य राज्यों से भी जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा एसओजी पहले भी थी लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पेपर लीक की जांच कराई और एसआईटी का गठन किया। मैं भरोसा दिलाता हूं कि जिसने भी युवाओं के साथ गलत किया है उसे बख्शा नहीं  जाएगा।
राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक होना एक गंभीर मुद्दा है, जिसने न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित किया,बल्कि युवाओं के भविष्य से भी खिलवाड़ किया। यह मुद्दा न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में एक चुनौती बन गया है। भारतीय जनता पार्टी हो या फिर कांग्रेस हर सरकार में पेपर लिक होते रहे हैं। पेपर लीक होने के बाद सालों से मेहनत कर रहे लाखों की संख्या में बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है।