आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण का तो सिर्फ चल रहा है नाम , वास्तविकता बिल्कुल उलट प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधा के नाम पर केवल लीपापोती,
Monday, 02 Dec 2024 12:30 pm

Golden Hind News

Rajasthan news : प्रतिवर्ष राजस्थान सरकार बच्चों ओर महिलाओं के पोषण के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन वास्तव में स्थिति बिल्कुल अलग ही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर काफी खर्चा करने के बाद भी इसका कोई फायदा देखने को नहीं मिल रहा है , जब जयपुर शहर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सर्वे किया गया तो पाया गया कि कई केन्द्रों की हालत बहुत ही दयनीय है। 
कई आंगनबाड़ी केन्द्र 7-8 फीट चौड़े कमरे में संचालित किए जा रहे हैं, जहां बच्चों की पढ़ाई के स्टेशनरी का सामान और पोषाहार के कट्टे भी उसी कमरे में रखे हुए हैं। और यहाँ तक कि उसी कमरे में गैस सिलेंडर भी रखा हुआ है। 
कमरे में पर्याप्त जगह ना होने की वजह से बच्चों को खुले में बैठना पड़ता है। गैस चूल्हे पर दलिया, खिचड़ी , दाल -चावल और उपमा भी वहीं पर पकाए जाते हैं। 

सिर्फ एक या दो केन्द्रों की ही नहीं बल्कि शहर के सैंकड़ों केन्द्रों की यही स्थिति है, जहां पे बच्चों को खुले में खाना खाने ओर पढ़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है । कई केन्द्र तो ऐसे भी हैं, जहां बच्चे घर से खाने का टिफिन लेके आते हैं, और उसी टिफिन में से खाना खा रहे हैं। अब सवाल ये है कि सरकार बच्चों के पोषण पर जो खर्चा कर रही है , आखिर वो पैसे जा कहां रहे हैं। 

आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में हर महीने एक दिन टीकाकरण का कार्यक्रम होता है, जो कमरे में ही किया जाना होता है । लेकिन जब पूरा आंगनबाड़ी केंद्र ही एक कमरे में चल रहा हो तो वहां बच्चों को टीकाकरण के दिन भी बाहर  बैठना पड़ता है। बच्चों को उच्च गुणवत्ता के पोषण और अच्छे माहौल की जरूरत होती है , लेकिन प्रदेश में स्थिति बिल्कुल ही अलग है, आंगनबाड़ी केंद्रों की यह स्थिति चिंता का विषय है। 

आपको बता दें कि जयपुर जिले में कुल 4254 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 1168 केन्द्र किराए के भवनों में चलाए जा रहे हैं। 784 आंगनबाड़ी केंद्र तो सिर्फ जयपुर शहर में किराए पर चल रहे हैं। 
आपको बता दें कि  सरकार द्वारा पोषाहार वितरण का जो प्रावधान है उसके अनुसार   3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए रोज 60 ग्राम पोषाहार मिलता है।
सोमवार और बुधवार को बच्चों को दाल -चावल और खिचड़ी दी जाती है ।
मंगलवार और शुक्रवार को मीठा दलिया दिया जाता है ।
गुरुवार ओर शनिवार को उपमा दिया जाता है ।
गर्भवती महिलाओं और 6 माह तक के बच्चों की माताओं को 1209 ग्राम पोषाहार के 3 पैकेट दिए जाते हैं, वहीं 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को 1084 ग्राम के 3 पैकेट दिए जाते हैं।

जयपुर के जवाहर नगर में विभिन्न टीलों पर आंगनबाड़ी केंद्र हैं ,  जो कि अधिकतर किराए के एक ही कमरे में संचालित हैं। आपको बता दें कि प्रदेश के लगभग 784 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित हैं, जिनमें अधिकांश का किराया प्रति माह सिर्फ 750 रुपए है। यह स्थिति साफ जाहिर करती है कि जो राशि सरकार द्वारा पोषण कार्यक्रम के लिए दी जा रही है , वो बच्चों के लिए इस्तेमाल ही नहीं हो रही है । अब सवाल ये उठता है कि सरकार द्वारा दी गई राशि आखिर इस्तेमाल कहां की जा रही है ।

[रिपोर्ट- कोमल कुमावत]