दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। दिल्ली के कई क्षेत्रों में पुरबिया मतदाता निर्णायक स्थिति में है। ऐसे में भाजपा के लिए इन्हें अपने साथ में जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपनी अगली रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा की ओर से प्रत्येक बूथ पर पूर्वांचल से संबंधित कार्यकर्ताओं की एक टीम तैयार की जा रही है।। स्टीम की मदद से भाजपा बूथ स्तर पर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएगी। बैठक और कार्यक्रमों के जरिए भाजपा मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाएगी। दिल्ली में 70 में से 17 विधानसभा क्षेत्र में पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड से संबंधित मतदाता निवास करते हैं। यही कारण है कि 2014 और 2019 के बाद लोकसभा चुनाव में उन क्षेत्रों में भाजपा को अच्छी बढो मिली हैं जहां पर पूर्वांचल के लोग निवास कर रहे हैं।
पुरबिया मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला
2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में पुरबिया मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला है। ऐसे भाजपा के लिए थोड़ी मुश्किल है बढ़ी हुई है। भाजपा के रणनीतिकार इस बार चुनावी समीकरण को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा की ओर से पूर्वांचल जनसंपर्क समिति का गठन भी किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह करेंगे। समिति में पूर्वांचल मोर्चा के संतोष ओझा और तीन मंत्रियों को शामिल किया गया है। भाजपा की ओर से 5 दिसंबर से विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र भी प्रत्येक बूथ पर तैयार किए जाएंगे। यह कमल मित्र लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने का काम करेंगे।
लोगों को भेजे जा रहे बिजली के बिल
कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी है जहां पर पार्टी अपने आप को मजबूत करने का हर संभव प्रयास करेगी। जिसमें बुराड़ी, सीमापुरी, बादली, पालम, देवली, राजेंद्र नगर सहित कई क्षेत्र शामिल है। भाजपा नेताओं का मानना है कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनी और झुग्गियों में पूर्वांचल से संबंधित लोगों की अच्छी संख्या है। इन लोगों को निशुल्क बिजली पानी की सुविधा नहीं मिल रही है। इन लोगों को बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। यह लोग अपने लिए पानी भी खरीद रहे हैं। इन लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रखा ज रहा है।