जयपुर : राजस्थान अब भी शिक्षा के क्षेत्र में कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर पाया है। राजस्थान की टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज उच्च स्तर की नहीं बन पायी है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि NCTE यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा एजुकेशन सेशन 2025- 26 से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को बंद करने और नए इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम की मान्यता के लिए कॉलेजों से आवेदन मांगे थे। आपको बता दें इस क्रम में देश भर से 334 टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं अफसोस तो इस बात का है इनमें से 292 टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज राजस्थान के हैं। एक नजर डालें तो राजस्थान के 33 जिलों में से जयपुर के 32, नागौर के 36, सीकर के 28 और बाकी राज्यों से भी बड़ी संख्या में कॉलेजों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। क्योंकि NCTEके मानकों पर राजस्थान के कॉलेज खरे नहीं उतर पाए,औरNCTEI ने स्पष्ट कर दिया है कि टीचर ट्रेनिंग के लिए मानकों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।
अब सवाल ये है कि राजस्थान इतना बड़ा एजुकेशन हब होने के बावजूद भी इतना पीछे क्यों है? क्या सरकार इस मामले पर गौर नहीं कर रही या कॉलेजों की मनमानियां इस बात की जिम्मेदार है।
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(रिपोर्ट: पवन गौड़)