जयपुर : धौलपुर (Dholpur) के बाड़ी में AEN हर्षाधिपति के साथ मारपीट मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ( Girraj singh malinga) को सुप्रीम कोर्ट ( से बड़ा झटका लगा है | सुप्रीम कोर्ट ने 2 सप्ताह ( Weeks) में गिर्राज सिंह मलिंगा को सरेंडर करने का निर्देश दिया है | इससे पहले जुलाई माह मे राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan highcourt ) ने मलिंगा को 30 दिनो के अंदर सरेंडर ( surrender ) करने का आदेश दिया था | जिसके बाद मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था ,लेकिन यहाँ से भी उन्हे कोई रियायत नहीं दी गई| जुलाई में हाईकोर्ट ने भी सरेंडर करने का दिया था आदेश आपको बता दे, ये पूरा मामला धौलपुर के दलित जेईएन ( Dalit JEN ) से जुड़ा है | धौलपुर में बिजली विभाग (Electricity department ) के सहायक अभियंता हर्षधिपति का अरोप है कि 27 मार्च 2022 को तत्कालिन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने बिजली विभाग के कार्यालय में पहुंचकर उनकी बेरहमी से पिटाई की थी जबकी गिर्राज सिंह ने अरोपो का खंडन करते हुए कहा की मुझ पर लगे सभी अरोप निराधार है ,गाँव की बिजली कटे जाने पर आक्रोशीत भीड ने उनके पहुँचने से पहले ही भ्रष्ट JEN की पिटाई कर दी थी| पूरे मामले पर कार्रवाई करते हुए मलिंगा को पुलिस (police) ने गिरफ़्तार किया था लेकिन वो जमानत पर बाहर थे। पीडित JEN के वकील AK जैन और मालती के मुताबिक 2 साल बाद कोर्ट ने जुलाई (july) में मलिंगा को 30 दिन के अंदर सरेंडर करने को कहा। कोर्ट ने माना कि मलिंगा ने झूठ बोलकर जमानत ली है। जमानत मिलने के बाद कोर्ट ने आदेश का जूलुस निकालकर मजाक बनाया। हाई कोर्ट के फैसले के बाद मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन आज नतीजा फिर भी उनके पक्ष में नहीं आया। तत्कालीन सरकार के साथ-साथ वर्तमान सरकार पर भी मलिंगा की मदद करने के लिए गंभीर आरोप लगे । सुप्रीम अदालत में एडवोकेट महमूद प्राचा और एडवोकेट मालती ने इस मामले में पैरवी की| एडवोकेट मालती ने बताया कि कोर्ट के इस फैसले से उन राजनेताओं को ये संदेश गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है |
[ रिपोर्ट : अनुश्री यादव ]