उपचुनाव के रण में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला हुआ तेज  भजनलाल सरकार उपलब्धियां गिना कर तो कांग्रेस सरकार की खामियां गिनाकर मांग रही वोट 
Thursday, 07 Nov 2024 12:30 pm

Golden Hind News

 

उपचुनाव के रण में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला हुआ तेज -

 

राजस्थान में चुनावी रण सज चुका है। राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही। इस चुनाव में भाजपा ने भजनलाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर और मोदी सरकार की नीतियों को चुनावी मुद्दा बनाया है। वहीं दूसरी और कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस इस चुनाव में प्रदेश में किसानों की अनदेखी, युवाओं के साथ धोखा, महिलाओं पर अत्याचार, पानी बिजली की किल्लत जैसे मुद्दों को भुना रही है। कांग्रेस जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार पर आरोप लगा रही है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
विधानसभा चुनाव के दौरान ईआरसीपी के मुद्दे ने खूब जोर पकड़ा था। और अब एक बार फिर से उपचुनाव में यह मुद्दा छाने लगा है। ईआरसीपी और यमुना जल समझौते का मुद्दा इस चुनाव में जोर पकड़ने लगा है। भजनलाल सरकार हरियाणा और मध्य प्रदेश के साथ में हुए जल समझौते को ऐतिहासिक समझौता बता रही है। जबकि कांग्रेस भाजपा सरकार पर आरोप लगा रही है कि इन दोनों समझौता में प्रदेश के हितों से खिलवाड़ किया गया है। वही आपको बता दें कि उपचुनाव वाली सभी सातों सीटों पर जातीय समीकरण की भी अहम भूमिका रहने वाली है। इसके साथ ही स्थानीय मुद्दे भी इस चुनाव में हावी रहेंगे।


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से खींवसर सीट पर कनिका बेनीवाल पर दांव खेला गया है। कनिका बेनीवाल आरएलपी सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी है। खींवसर विधानसभा सीट हनुमान बेनीवाल की परंपरागत सीट रही है। 2008 के बाद से ही इस सीट पर हनुमान बेनीवाल का कब्जा है। 2019 में जब हनुमान बेनीवाल सांसद बने तो उन्होंने अपनी इस सीट पर अपने ही भाई नारायण बेनीवाल को चुनाव लड़वाया था। इस बार हनुमान बेनीवाल किसान और नौजवान के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों के आधार पर अपनी पत्नी के लिए वोट मांग रहे हैं। हनुमान बेनीवाल विरोधियों पर निशाना साधने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। 

कांग्रेस सहित अन्य दलों ने किया खेला 
भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से चोरासी और सलूंबर सीट पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं। भारतीय आदिवासी पार्टी आदिवासी हितों के मुद्दों को भुनाने में लगी हुई है। भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से जल, जंगल और आदिवासी समाज के हितों के सहारे चुनावी मैदान में डटी हुई है। बाप स्थानीय मुद्दों के लिए भाजपा सरकार और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा कर अपने वोट बैंक को मजबूत करने में लगी हुई है। भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता लगातार भील प्रदेश की मांग करने को लेकर भी समय-समय पर हवा देते रहे हैं। 

कांग्रेस भाजपा सरकार की गिनाने लगी खामियां 
सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस भाजपा सरकार के 10 महीने के शासन की विफलताएं जनता के बीच रख रही है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जो वादे सरकार की ओर से किए गए हैं वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं उन्हें लेकर भी कांग्रेस के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं। युवाओं किसानों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर हो रही है। 

भाजपा गिना रही सरकार की उपलब्धियां 
भाजपा नेता उपचुनाव में प्रदेश सरकार के 10 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे है। इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार के ऐतिहासिक फसलों का जिक्र कर अपने पक्ष में माहौल बना रही है। भाजपा सरकार लगातार हर एक मंच से पेपर लीक को लेकर की गई कार्यवाही का जिक्र कर रही है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय हुई गड़बड़ियों और घोटाला को लेकर भी भाजपा सरकार कांग्रेस पर निशाना साध रही है। 
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की बात करें तो उन्होंने भाजपा पर हर तबके से झूठे वादे का आरोप लगाया है। गोविंद सिंह डोटासरा का आरोप है की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। महिलाओं और दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि भाजपा सरकार ने लगातार जनता के हितों में काम किया है। फिर चाहे वह गरीबों को घर दिलवाने की योजना हो या फिर खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने की योजना। प्रदेश की भाजपा सरकार ने इन 10 महीना में आमजन की भलाई के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।