राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी की होगी वापसी या कांग्रेस लगाएगी हैट्रिक
एंकर- राजस्थान में इस गुलाबी ठंड में राजनीतिक मौसम गरम हो गया है। देवली उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है। भाजपा ने अपना चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। देवली-उनियारा से हिंदुस्तान जिंक के इंजीनियर रह चुके और सामाजिक कार्यकर्ता कस्तूर चंद मीणा को उतारा गया है। केसी मीणा का मुकाबला बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर से होगा।
देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कौन मारेगा बाजी
राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के चलते 13 नवंबर को मतदान होंगे। इसको लेकर सियासी पारा पारा चढ़ने लगा है। टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। दोनों ही पार्टियां जीत को लेकर जोड़, गुणा और भाग के समीकरणों में लगी हुई हैं। इधर, बीजेपी के लिए इस सीट पर लगातार दो बार हार का मुंह देखने के बाद तीसरी बार अपनी लाज बचाना बड़ी चुनौती हो गई है। वहीं, कांग्रेस के लिए तीसरी बार जीत हासिल कर हैट्रिक बनाने का मौका है।
विधानसभा उपचुनाव के दंगल में गुर्जर या मीणा कौन करेगा किला फतेह
राजेंद्र गुर्जर को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने देवली-उनियारा सीट पर कस्तूर चंद मीना को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। इससे पूर्व वे हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड में अधिकारी पद पर थे। वे पहली बार विधायक प्रत्याशी बनाए गए हैं। राजेन्द्र गुर्जर देवली-उनियारा सीट पर 2013 से 2018 तक विधायक थे। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश मीना से हार गए थे। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजेन्द्र को टिकट नहीं दिया था और विजय बैंसला को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन हरीश मीना ने बैंसला को भी हरा दिया था।
भाजपा के राजेंद्र गुर्जर का मुकाबला करेंगे कांग्रेस के केसी मीणा
आपको बता दें की देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में मीणा और गुर्जर दोनों ही जाति का बाहुल्य वर्ग है। इस सीट पर पिछले 2 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। जबकि भाजपा इस सीट पर अभी भी जीत की तलाश में है। हरीश मीणा ने लगातार इस सीट पर दो बार फतह हासिल की है। हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद क्या सीट खाली हो गई थी। जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव करवाया जा रहा है।
बीजेपी ने पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में तय था कि कांग्रेस की ओर से किसी मीणा उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा। आखिर हुआ भी यहीं कांग्रेस ने कस्तूर चंद मीणा को टिकट दिया है। कस्तूर चंद टोंक जिले के रोहित गांव के निवासी है। उन्होंने माइनिंग इंजीनियर के रूप में अपनी करियर की शुरुआत की। इस दौरान वह देश की कई प्रमुख खानों हिंदुस्तान जिंक कायड़ अजमेर, राजपुरा माइनिंग दरीबा राजसमंद, जावर माइंस, कोकोला कॉपर माइंस, जाम्बिया दक्षिण अफ्रीका, आगूचा माइंस भीलवाड़ा सहित कई माइंस में इंजीनियर, डायरेक्टर फाइनेंस और महाप्रबंधक के पद पर काम किया।
देवली उनियारा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। स्पीड पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नरेश मीणा ने भी नामांकन भर दिया है। युवा कांग्रेस नेता नरेश मीणा के नामांकन भरने से कांग्रेस को इस सीट पर नुकसान हो सकता है। नरेश मीणा पहले भी पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के सामने चुनाव लड़ चुके हैं। नरेशमीणा ने कांग्रेस पार्टी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नरेश मीणा ने सांसद हरीश मीणा पर आरोप लगाते हुए कस्तूरचंद मीणा को 8 करोड़ में टिकट बेचने की बात कही है। अब ऐसे में कांग्रेस के नेताओं की आपसी बयान बाजी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए भारी साबित हो सकती है। दो बार लगातार हार का सामना करने के बाद अब बीजेपी के लिए कांग्रेस की हैट्रिक को तोड़ना और अपनी लाज बचाना बड़ी चुनौती बन गई है।