भर्ती की अटकी प्रक्रिया: एएनएम अभ्यर्थियों ने सरकार को दी चेतावनी एएनएम भर्ती में अनिश्चितता, अभ्यर्थियों का सब्र टूटने लगा
Saturday, 12 Oct 2024 00:00 am

Golden Hind News

Edited by: Kritika

प्रदेश में 2023 में निकली हजारों एएनएम (आयुर्वेदिक नर्सिंग मिडवाइफ) के पदों की भर्ती हाल फिलहाल अटकी पड़ी है। इस भर्ती के लिए अभ्यर्थी लगातार सरकार से जल्द से जल्द नियुक्तियां देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टुटने लगा है। वे सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से गुजारिश कर रहे हैं और नियुक्तियों के न होने पर आंदोलन करने की बात भी कह रहे हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।

सत्ता परिवर्तन का असर

इस पूरे मामले में सत्ता परिवर्तन एक बड़ा कारण बन गया है। 2023 में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने प्रदेश में 4,847 एएनएम के पदों पर भर्ती निकाली थी। कांग्रेस ने यह भर्ती वोट बैंक बटोरने के लिए की थी। इसके बाद सभी फॉर्मलिटी भी पूरी की गई। लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव हुए और जनता ने कांग्रेस की जगह बीजेपी को सत्ता सौंप दी, बीजेपी ने कांग्रेस राज में जारी की गई योजनाओं और भर्तियों की समीक्षा शुरू कर दी। कई भर्तियों और योजनाओं को निरस्त भी कर दिया गया।

भर्ती की स्थिति

हालांकि, बीजेपी ने हाल ही में एएनएम की अंतिम वरीयता सूची जारी कर के भर्ती प्रक्रिया को गति दी थी। लेकिन अब एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी चयनित एएनएम का जिला चयन पोर्टल नहीं खोला गया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर रुक गई है। एएनएम अभ्यर्थी लगातार सरकार और स्वास्थ्य भवन के अधिकारियों से संपर्क कर जिला चयन पोर्टल को खुलवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन विभाग पर इसका कोई प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है।

अभ्यर्थियों की चिंताएं

इस समय प्रदेश के एएनएम अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूटने लगा है। वे अब सरकार के खिलाफ आंदोलन के लिए तैयार हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अभ्यर्थी कभी भी प्रदेश की राजधानी जयपुर में आंदोलन के लिए डेरा डाल सकते हैं। उनका मानना है कि यदि आने वाले दिनों में पांच सीटों पर उपचुनाव की आचार संहिता लागू होती है, तो इस भर्ती प्रक्रिया को एक बार फिर रोक दिया जाएगा।

उपचुनाव की संभावना

प्रदेश में पांच सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिनमें खींवसर, झुंझुनूं, चौरासी, देवली उनियारा और दौसा शामिल हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर उपचुनाव की आचार संहिता लागू हुई, तो यह भर्ती प्रक्रिया खटाई में पड़ सकती है। 

इसलिए, अभ्यर्थियों का यह डर वाजिब है। वे अब सरकार से जल्दी से जल्दी नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी भविष्य की संभावनाओं पर कोई खतरा न आए। सरकार की इस मुद्दे पर चुप्पी ने अभ्यर्थियों में निराशा बढ़ा दी है और उनकी नाराजगी किसी भी समय उबाल ले सकती है। एएनएम की भर्ती की इस स्थिति ने प्रदेश के हजारों अभ्यर्थियों को तनाव में डाल दिया है। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे का समाधान कैसे करती है और क्या अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखकर जल्द ही नियुक्तियों का ऐलान किया जाएगा या नहीं।