पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हाल ही में मुजफ्फरपुर में हिंदुत्व को लेकर दिए अपने विवादास्पद बयान से बिहार की राजनीतिक स्थिति को गरमा दिया है। गिरिराज सिंह ने 18 अक्टूबर से भागलपुर से शुरू होने वाली "हिंदू स्वाभिमान यात्रा" के पहले अपने बयान में कहा कि "हिंदुओं की स्थिति चिंताजनक है" और यह भी कि "यदि मुसलमान पाकिस्तान चले जाते, तो लव जिहाद खत्म हो जाता।" उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस और राजद सहित कई राजनीतिक दलों ने उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने गिरिराज सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि "गिरिराज सिंह को यह नहीं पता है कि सभी हिंदू स्वाभिमानी और जागरूक हैं।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि गिरिराज सिंह के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। अजित शर्मा ने यह भी कहा, "वे यह कहते हैं कि हिंदू एकजुट हों, लेकिन यह देश को बांटने का प्रयास है।"
शर्मा ने कहा, "गिरिराज सिंह को हिंदुओं को उंगली दिखाने का काम नहीं करना चाहिए। उन्हें रोजगार, महंगाई और बाढ़ पीड़ितों पर बात करनी चाहिए। जनता ने उन्हें बेगूसराय से चुना है, लेकिन वे वहां यात्रा नहीं कर रहे हैं और भागलपुर में यात्रा निकालने आ रहे हैं। इसका क्या मतलब है?"
गिरिराज सिंह की "हिंदू स्वाभिमान यात्रा" भागलपुर से शुरू होकर किशनगंज में समाप्त होगी। विभिन्न जिलों से होते हुए उनकी यह यात्रा बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।
गिरिराज सिंह के इस बयान पर राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है, और यह देखा जाना है कि उनके इस बयान का असर आगामी चुनावों पर किस प्रकार पड़ेगा।
बिहार में सियासी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं, जहां राजद और कांग्रेस जैसे दल लगातार गिरिराज सिंह पर हमलावर हैं। इस प्रकार की बयानबाजी पर राजनीतिक बहस जारी है, जिससे सामाजिक सौहार्द पर भी प्रभाव पड़ सकता है।