संजौली मस्जिद विवाद: वक्फ बोर्ड ने अवैध निर्माण गिराने का निर्णय लिया, कोर्ट नहीं जाएगा शिमला मस्जिद विवाद: वक्फ बोर्ड की स्थिति स्पष्ट, अवैध निर्माण गिराने का निर्णय
Thursday, 10 Oct 2024 13:30 pm

Golden Hind News

Edited by: Kritika

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। नगर निगम आयुक्त द्वारा दिए गए फैसले के बाद, कुछ संगठन नफरत फैलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड ने इस स्थिति पर नियंत्रण करने का निर्णय लिया है और कोर्ट में जाने से इनकार किया है।

वक्फ बोर्ड का आधिकारिक बयान

वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि वह आयुक्त कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगा और अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू करेगा। बोर्ड ने मस्जिद कमेटी को इस कार्य के लिए अधिकृत किया है, और इसके कार्यों की निगरानी भी वक्फ बोर्ड द्वारा की जाएगी। इस मामले की जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के इस्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने कहा कि अवैध निर्माण को गिराने के लिए लाखों रुपये की आवश्यकता होगी, और यह प्रक्रिया तब शुरू की जाएगी जब आयुक्त कोर्ट का लिखित आदेश प्राप्त होगा।

संजौली मस्जिद कमेटी की भूमिका

संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण को गिराने के लिए फंड जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि कुछ लोग राजनीति के लिए विवाद पैदा कर रहे हैं और ऐसे लोग अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड ने अवैध निर्माण को गिराने के लिए आवश्यक अनुमति दी है और यह प्रक्रिया कानून के अनुसार की जाएगी।

सामाजिक तनाव और नफरत फैलाने की कोशिशें

इस विवाद के बीच, कुछ संगठनों ने हंगामा करने और माहौल को खराब करने की कोशिशें की हैं। 9 अक्टूबर को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित बैठक के बाद, कई नेताओं ने आयुक्त कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही। इस पर कुछ हिंदू संगठनों ने प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट साझा किए।

सुरक्षा और शांति की आवश्यकता

वक्फ बोर्ड के इस्टेट ऑफिसर ने कहा कि कानून के तहत अदालत के फैसले का पालन होना चाहिए और प्रदेश में शांति बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि जो पूर्व इमाम विवादित बयान दे रहे हैं, वे अब सेवानिवृत्त हैं और अभी भी वक्फ बोर्ड द्वारा प्रदान किया गया आवास नहीं छोड़ा है, जिसके लिए कानूनी कार्रवाई चल रही है।

इस विवाद का समाधान और शांति बहाली के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे मुद्दों का सामना न करना पड़े।