Edited by : Kritika
भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक विवाद जारी है, और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार पर एक बार फिर से तीखा हमला बोला है। गहलोत ने राज्य सरकार को "सर्कस" करार देते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार नहीं बल्कि सर्कस चल रहा है, जहाँ मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे सरकार को धमकी देने के लिए तैयार हैं। गहलोत ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री को अपने दौरे कम करके मंत्रिमंडल को संभालना चाहिए और जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
गहलोत ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनावों को लेकर भी भाजपा पर कटाक्ष किया, और दावा किया कि एग्जिट पोल की अपेक्षा बेहतर नतीजे सामने आएंगे। उन्होंने राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों पर भी सरकार की आलोचना की, साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और फ़िंच यूनिवर्सिटी का काम रोकने को लेकर भी नाराज़गी व्यक्त की।
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के कार्यकाल में हुए पेपर लीक मामलों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर "जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत काम कर रही है, और यही कारण है कि कांग्रेस को सरकार का काम सर्कस लगता है।
पेपर लीक मामले में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की आलोचनाओं के बावजूद, मुख्यमंत्री ने एक कमेटी का गठन किया है। मीणा इस मामले पर लगातार मुखर हैं और अपने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं, लेकिन उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की है और इस मुद्दे पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस तरह भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिसमें दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।