नौकरी से जुड़े बेरोजगारों में बढ़ा डर: शिक्षकों की चिंताएं कांग्रेस राज में नौकरी से जुड़े बेरोजगारों में भय की लहर,शिक्षकों की बढ़ी चिंताएं
Friday, 04 Oct 2024 00:00 am

Golden Hind News

Edited by : Kritika

कांग्रेस राज में सरकारी नौकरी पाने वाले बेरोजगारों के लिए सत्ता परिवर्तन के बाद चिंता की नई लहर उठ गई है। बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने कांग्रेस के समय में सरकारी महकमों में लगे लोगों की पूरी जांच करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में प्रदेश के हजारों शिक्षक इन दिनों गहरे डर में हैं।

मामला अब अदालत तक पहुँच गया है, जहाँ कोर्ट ने जांच समिति गठित कर मामले की जाँच कराने के निर्देश दिए हैं। इससे 2022 में निकली विज्ञप्ति के तहत भर्ती होने वाले शिक्षकों की स्थिति गंभीर हो गई है।

कर्मचारी चयन बोर्ड ने 2022 में L2 के शिक्षकों के लिए करीब 27,000 पदों की विज्ञप्ति जारी की थी। परीक्षा के बाद परिणाम घोषित होने के बाद सभी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी। लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने जाँच समिति बनाने का आदेश दिया। अब इस समिति की रिपोर्ट को लेकर हजारों शिक्षक चिंतित हैं।

2023 में हुई भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद भी कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं में त्रुटियों को लेकर कोर्ट में मामले को उठाया। इस पर कोर्ट ने RSSB यानी कर्मचारी चयन बोर्ड को जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट अब बोर्ड को सौंप दी गई है, लेकिन इसके सार्वजनिक होने से पहले कुछ सवालों के उत्तरों में बदलाव की संभावना जताई गई है।

अगर उत्तरों में परिवर्तन होता है, तो परिणाम का पुनरीक्षण किया जाएगा, जिससे हजारों शिक्षकों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शिक्षकों का कहना है कि चयन प्रक्रिया के तहत उन्हें नौकरी दी गई थी, इसलिए उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाना चाहिए।

बेरोजगार संघों के नेताओं ने भी कहा है कि 2022 के परिणाम का पुनरीक्षण होने से अभ्यर्थियों में तनाव और चिंता बढ़ रही है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि जिन शिक्षकों का चयन हो गया है, उन्हें चयनित रहने दिया जाए और नए अभ्यर्थियों के लिए शैडो पोस्ट बनाई जाए।

अगर कर्मचारी चयन बोर्ड ने परिणाम का पुनरीक्षण किया और चयनित शिक्षकों को हटाया, तो बेरोजगार संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो सकते हैं। पिछले दिनों जयपुर में भी इसी मुद्दे पर प्रदर्शन हुआ था।

यदि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षकों पर गाज गिरती है, तो आंदोलन की संभावना और भी बढ़ जाएगी, जिससे भजन लाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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