शारदीय नवरात्रि 2024 का पर्व कल, 3 अक्टूबर से शुरू होगा। यह नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार को आरंभ होकर इस बार 9 दिन के बजाय 10 दिन तक चलेगा। तृतीया तिथि की वृद्धि के कारण इस बार मां दुर्गा का विशेष पूजन 10 दिन तक किया जाएगा। शारदीय नवरात्र का आयोजन इस वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में, हस्त नक्षत्र और इंद्र योग में किया जाएगा।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी, जो इस प्रकार हैं:
स्वर्ण नगरी जैसलमेर के ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:40 से 8:06 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में स्थापना का समय दोपहर 12:11 से 12:58 बजे तक रहेगा। आचार्य ने यह भी बताया कि नवरात्र व्रत की शुरुआत गणपति, मातृ, लोकपाल, नवग्रह, और वरुण पूजन से करनी चाहिए। इसके बाद देवी की वेद विधि से पूजा करना आवश्यक है।
नवरात्र के इस पावन अवसर पर काली, लक्ष्मी, और सरस्वती की पूजा और सप्तशती का पाठ भी प्रमुख है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इच्छित कार्य की सिद्धि के लिए नवरात्र के 9 दिन उपवास और हवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, ब्राह्मण भोजन कराने की भी सलाह दी गई है।
ज्योतिषाचार्य उमेश आचार्य ने बताया कि शारदीय नवरात्र के साथ ही ऋतु परिवर्तन होकर शरद ऋतु की शुरुआत होती है। इस मौसम में जब तापमान में बदलाव होता है, तो कई रोगों के रोगाणु शरीर पर वार करते हैं, जिससे मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। समय, वात, पित्त, और कफ तीनों दोष असंतुलित हो जाते हैं, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ सकती है। इसलिए, नवरात्र में 9 दिन तक जप, उपवास, साफ-सफाई, भाव शुद्धि, और ध्यान करने से बीमारियों से रक्षा की जा सकती है। हवन करने से वातावरण में फैले रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
शारदीय नवरात्रि के साथ ही, श्रीमाधोपुर में डांडिया रास 2.0 सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जहां लोग इस अवसर का आनंद लेने के लिए एकत्रित होंगे।