मध्यप्रदेश की महिला ने दिया दुर्लभ स्थिति से पीड़ित बच्चे को जन्म, डॉक्टरों के भी उड़े होश
Thursday, 19 Sep 2024 13:30 pm

Golden Hind News

मध्यप्रदेश की रहने वाली एक महिला ने एक दुर्लभ मेडिकल कन्डिशन 'फीटस इन फीटू ' सवे पीड़ित बच्चे को जन्म दिया है। एक 
 

सागर : मध्ययप्रदेश के सागर में एक महिला ने ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिसे देखकर ना केवल मां और परिजन बल्कि डॉक्टरों के भी होश उड़ गए। अल्ट्रासाउंड से पता चला है महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के अंदर एक और भ्रूण पल रहा था। मेडिकल की भाषा में इसे 'फीटस इन फीटू ' कन्डिशन कहा जाता है। ये स्थिति बहुत दुर्लभ है। रेयर केस होने के कारण नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों के सामने नवजात को बचाने के एकमात्र उपाय सर्जरी है। 

महिला के गर्भ के अंदर मिला भ्रूण या टेरीटॉमा 

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक डॉ. पीपी सिंह ने बताया कि, "करीब 15 दिन पहले, केसली निवासी गर्भवती महिला 9वें माह में अपने निजी क्लिनिक पर जांच के लिए आईं थीं। जांच के दौरान, महिला के गर्भ में पल रहे नवजात के अंदर भी एक बच्चे की मौजूदगी का संदेह हुआ था। इस पर, महिला को फॉलोअप के लिए मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए बुलाया गया। यहां विशेष जांच में पाया गया कि महिला के गर्भ के अंदर एक और बेबी या टेरिटोमा की मौजूदगी है। महिला को मेडिकल कॉलेज में ही प्रसव कराने की सलाह दी गई थी। चूंकि उसे आशा कार्यकर्ता लेकर आई थी, इसलिए वह वापस केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गईं। यहां महिला का सामान्य प्रसव हुआ।"

अब तक दुनिया में ऐसे केवल 200 केस?

डॉ. पीपी सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह का ये पहला केस देखा है। यह इतना दुर्लभ है कि दुनिया के पाँच लाख में से केवल एक भ्रूण में ये केस पाया जाता है। दुनिया में आज तक इस तरह के केवल 200 केस ही देखे गए हैं। हमारे पास यह महिला प्रेग्नन्सी के आठवें-नौवें महीने में आई थी। डॉक्टर ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में हमने पाया कि भ्रूण के पेट में एक गांठ दिखी थी। गांठ में कैल्शियम जमा होने के कारण जब भ्रूण को डॉपलर कर के देखा गया तो उसमें से खून आने लगा। इस तरह की स्थितियों में अधिकांशतः 'फीटस इन फीटू ' स्थिति ही पाई जाती है। 

क्या है फीटस इन फीटू मेडिकल कन्डिशन?

फीटस इन फीटू एक ऐसी मेडिकल कन्डिशन है जिसमें महिला के भ्रूण के अंदर पल रहे भ्रूण में भी एक भ्रूण होता है। यह स्थिति इतनी दुर्लभ है कि ये पाँच लाख में से किसी एक भ्रूण में ही होती है। इस स्थिति में जन्म तो केवल एक भ्रूण ही लेता है मगर अंदर वाले भ्रूण के कारण उसका विकास असामान्य या अविकसित रहती है। यह बहुत दुर्लभ स्थिति है मगर इसके मरीज को सटीक मेडिकल सहायता की जरूरत होती है। इसका इलाज मुख्य रूप से केवल सुरगे से हुई किया जा सकता है।