नवादा कांड : दलित गाँव की खुशियों को लील गई प्रशासन की नाकामी, गुंडों ने पूरे गाँव को किया राख
Thursday, 19 Sep 2024 00:00 am

Golden Hind News

बिहार में बीती रात गुंडों ने पूरे गाँव को आग के हवाले कर दिया। गाँव की जमीन को लेकर पासवाव समुदाय से चल रहे विवाद ने गाँव की सारी खुशियों को ग्रहण लगा दिया है। 
 

बिहार : राज्य के नवादा जिले के दिदौर पंचायत के कृष्णानगर गांव के लिए बीती रात किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। गाँव के मुसहर समुदाय के लिए ये काली तब भयावह बन गई जब 150 से ज्यादा अपराधियों ने पूरे गाँव को गोलियों और आग के हवाले कर दिया। इस गाँव के अधिकतर निवासी दलित समुदाय से आते हैं। 

किस तरह घूमा घटनाओं का पहिया?

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि शाम छह बजे 150 से ज्यादा अपराधियों ने गाँव पर गोलियों की बौछार कर दी। इसके बाद इन्हीं में से कुछ ने पूरी बस्ती को बमों से भर दिया। जब इतनी बर्बरता से भी इनका मन नहीं भरा तो इन गुंडों ने पूरे गाँव को केरोसीन छिड़क आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों ने पूरे गाँव को तबाह कर दिया है। घटना के लगभग घंटे भर बाद दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुँच आग पर काबू पाया। कल तक हंसी खुशी से भरे इस गाँव में अब राख और मलबे के सिवाय और कुछ नहीं बचा है। 

प्रशासन ने नहीं की कार्यवाही

स्थानीय निवासियों ने बताया कि, "उनके पूर्वज काफी समय से यहाँ रह रहे थे। इसी जगह पर उनकी कई पीढ़ियाँ रहीं हैं। उन्हें यह जमीन बिहार सरकार ने आवंटित की थी। अब क्षेत्र का पासवान समुदाय इस जगह को हड़पने के मंसूबे से बार-बार विवाद उत्पन्न करता है। पहले भी झगड़ा हुआ है और इस बारे में प्रशासन को भी तलब किया जा चुका है। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। दलित समुदाय की इस पाँच एकड़ जमीन पर लगभग 100 से ज्यादा मकान थे जो कि आज रात की रात में जलकर तबाह हो गए" 

दमकल की गाड़ियों ने पाया आग पर काबू 

घटना के लगभग एक घंटे बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगैड की गाड़ियों ने पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की कई गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। अगर फायर ब्रिगैड सही समय पर आग को काबू में नहीं करती तो नुकसान बहुत बढ़ सकता था। 

अब सवाल उठता है कि प्रशासन को जानकारी तलब करने के बाद भी बात कैसे इतनी बढ़ गई? क्यों संबंधित अधिकारियों ने सही समय पर उचित कदम नहीं उठाया? किसकी लापरवाही से गुंडों कद इतना ऊंचा हो गया है?