अब उम्रदराज हाथों में नहीं होगा युवा नेतृत्व, संसद में उठी चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु कम करने की मांग
Friday, 02 Aug 2024 00:00 am

Golden Hind News

दिल्ली : जल्द ही भारत में चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 से घटकर 21 वर्ष हो सकती है। गुरुवार (1 अगस्त) को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा संसद राघव चड्ढा ने संसद में युवाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ने के लिए वर्तमान निर्धारित आयु सीमा को कम करने की मांग सरकार के सामने रखी है। 


राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को संसद में भारत की युवा जनसंख्या से जुड़े काफी सारे आँकड़े रखे। उन्होंने कहा की भारत पुराने नेताओं के साथ एक युवा देश है। हमें युवा नेताओं के साथ एक युवा देश होना चाहिए। अपनी मांग के समर्थन में उन्होंने संसद में कई आँकड़े भी रखे। राघव चड्ढा ने कहा कि देश की औसत उम्र 29 वर्ष है। भारत की लगभग 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। वहीं देश की लगभग आधी यानि 50 फीसदी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम है। लेकिन इतनी बड़ी युवा आबादी के प्रतिनिधित्व के लिए 17 वीं लोकसभा में चुने गए केवल 12 फीसदी नेताओं की उम्र ही 40 वर्ष आयु से कम है। आम आदमी पार्टी के युवा सांसद ने बताया कि कैसे भारत में राजनीति को एक बैड प्रोफेशन  के रूप में देखा जाता है। देश में माता पिता अपने बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट या स्पोर्ट्स पर्सन जैसे प्रोफेशनों में देखना चाहते हैं। लेकिन वे कभी नहीं चाहते की उनके बच्चे राजनीति से जुड़ें। देश के पहले लोकसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि उस समय भी देश की संसद में बैठे लगभग 26 फीसदी सदस्यों की उम्र 40 से कम थी। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अगर देश का युवा 18 वर्ष की उम्र में मतदान कर सकता है तो क्यों वो 21 वर्ष की उम्र में चुनाव नहीं लड़ सकता। इन्हीं आकड़ों  के आधार पर और भारत को युवा नेताओं के साथ एक युवा देश बनाने की आस में राघव चड्ढा ने सरकार के सामने चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु कम करने की मांग रखी। 

कितनी जायज है आप सांसद की ये मांग?

अगर देश की वर्तमान राजनीतिक आयु की बात करें तो देश के लगभग हर बड़े राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है। वहीं इन सभी दलों के अध्यक्षों की बात करें तो सभी नेताओं की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा की है। ऐसे में यह नेतृत्व देश के राजनीतिक पटल पर युवा सोच की छाप छोड़ने में कितना सफल है यह हमेशा से ही एक बड़ा सवाल है। देश में बेरोजगारी, सीमा विवाद, तकनीकी विकास से जुड़े कई सवाल ऐसे हैं जो आजादी के बाद से अभी तक देश के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इस स्थिति में देश की संसद में युवा सोच को तरजीह देना भारत के भावी विकास में एक सफल कदम हो सकता है। 

देश के बड़े नेताओं की उम्र- 

नरेंद्र मोदी (बीजेपी)- 73 वर्ष 

राहुल गांधी (काँग्रेस) - 54 वर्ष 

अखिलेश यादव (सपा)  - 51 वर्ष 

ममता बनर्जी (टीएमसी) - 69 वर्ष 

अरविन्द केजरीवाल (आप) - 55 वर्ष