स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ओडिशा सरकार ने महिलाओं को एक बड़ी सौगात दी है। राज्य की भाजपा सरकार ने महिलाओं के लिए पीरियड लीव की शुरुआत करी है।
ओडिशा : भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राज्य की महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब राज्य के सरकारी एवं निजी दोनों सेक्टरों में काम कर रही महिलाएं एक दिन की मेंस्ट्रुअल यानी पीरियड लीव ले सकेंगी। पीरियड लीव के रूप में मिलने वाली ये छुट्टी वैकल्पिक रहेगी।
कटक में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह के दौरान राज्य की डेप्यूटी सीएम ने ये घोषणा करी। मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को असहनीय मानसिक और शारीरिक दर्द का सामना करना पड़ता है। इसी के कारण समय समय पर महिलाओं के लिए पीरियड लीव की मांग उठती रहती है। इस योजना को तत्काल प्रभाव = से लागू कर दिया गया है और इसके अंतर्गत महिलाएं अपने मासिक चक्र के पहले या दूसरे दिन छुट्टी ले सकती है। अपने सम्बोधन में डेप्यूटी सीएम प्रावती परिदा ने कहा कि, " यह छुट्टी वैकल्पिक है। जो महिलाएं पेशेवर काम में शामिल हैं वे शारीरिक दर्द के पहले दूसरे दिन छुट्टी ले सकेंगी। यह सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में नौकरी करने वाली महिलाओं पर लागू होगा।"
स्मृति ईरानी ने किया था विरोध
मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को छुट्टी देने की मांग काफी समय से उठ रही है। पिछले वर्ष 13 दिसम्बर को आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा के सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अनिवार्य मासिक धर्म अवकाश पर अपना विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि, "मासिक धर्म जीवन का स्वाभाविक हिस्सा है। इसे विशेष अवकाश प्रावधानों की जरूरत वाली बाधा के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।"
इन राज्यों में पहले से है मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान
लंबे अर्से से उठ रही छुट्टी की इस मांग पर अभी तक देश में कोई नीति नहीं है। मगर भारत के तीन राज्य ऐसे भी हैं जहां महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान है। महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की शुरुआत सबसे पहले बिहार ने करी थी। 1992 में बिहार सरकार ने राज्य की महिला कर्मचारियों को मासिक चक्र के दौरान दो दिन की छुट्टी लेने का हक दिया था। ये छुट्टी 45 साल की उम्र तक मिलती है। पिछले साल जनवरी में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ रही छात्राओं के लिए पीरियड लीव की शुरुआत करी थी। राज्य सरकार ने छात्राओं के लिए अनिवार्य उपस्थिति को भी 75% से घटाकर 73% कर दिया थी। इसके अलावा इसी साल मई में सिक्किम हाई कोर्ट ने भी रजिस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड लीव देने का फैसला लिया था। इसके बाद से हाई कोर्ट में काम करने वाली महिलाएं हर महीने दो से तीन छुट्टी ले सकती हैं।