दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के लिए एलजी विनय सक्सेना ने मंत्री कैलाश गहलोत का नाम चुना है। गहलोत का नाम चुना जाने के बाद आतिशी हमलावर मोड पर हैं।
दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में झण्डा फहराने के लिए एलजी विनय सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत के नाम पर मोहर लगा दी है। इससे पहले दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्री आतिशी से झण्डा फहराने की अरविन्द केजरीवाल की मांग को खारिज कर दिया था। लेकिन अब कैलाश गहलोत का नाम चुना जाने के बाद दिल्ली की सियासत दोबारा गर्मा गई है।
बात दें कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रतिवर्ष होने वाले स्वतंत्रता दिवस समरोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री झण्डा फहराते हैं। लेकिन अरविन्द केजरीवाल अभी आबकारी नीति मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसी कारण उन्होंने अपनी जगह झण्डा फहराने के लिए दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी के नाम का सुझाव दिया था। जिसे सामान्य प्रशासन विभाग ने खारिज कर दिया था। छत्रसाल स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और गृह विभाग की होती है। इस विषय में गोल्डन हिन्द ने मंगलवार को एक खबर अपलोड करी थी।
अब एलजी विनय सक्सेना ने ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का नाम चुना है। एलजी के इस निर्णय के बाद आतिशी ने उप राज्यपाल पर निशाना साधा है।
दिल्ली में आ गया है नया वायसराय
एलजी विनय सक्सेना के इस निर्णय से आतिशी असन्तुष्ट नजर आ रही हैं। उन्होंने एलजी विनय सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि,"15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए तिरंगा झण्डा फहराते हैं। देश में 1947 से पहले अंग्रेजों का शासन था। पूरे देश में वे अपनी मर्जी से शासन चलाते थे। आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झण्डा फहराते से रोका जा रहा है तो लगता है कि दिल्ली मे कोई वॉयसराय आ गया है। उन्होंने बीजेपी से भी सवाल किया कि इस समय में वे लोकतंत्र के साथ हैं या तानाशाही के साथ?