जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान में डूंगरपुर क्षेत्र में मां-बाड़ी व डे-केयर में पोषाहार सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पोषाहार सामग्री समय पर उपलब्ध नहीं करवाने का प्रकरण संज्ञान में आने के बाद विभाग द्वारा तत्काल जांच के आदेश दिये गए। इस कार्य में अनियमितता के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मां-बाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को दिये जाने वाले पोषाहार की आपूर्ति हेतु निदेशालय, स्वच्छ परियोजना, उदयपुर द्वारा टेण्डर अवधि पूर्ण होने से पूर्व नवम्बर, 2024 से पोषाहार सामग्री दो माह के लिए सप्लाई हेतु 11 नवम्बर 2024 द्वारा आदेश जारी कर दिये गये थे।उन्होंने बताया कि जिसकी पालना में जिला कलक्टर डूंगरपुर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पत्र क्रमांक 41-44 एवं 45-48 दिनांक 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी कर खाद्यान्न सामग्री का वितरण मां-बाड़ी व डे-केयर कन्द्रों पर करवाया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु स्वच्छ परियोजना द्वारा नवीन निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। डूंगरपुर क्षेत्र की मां-बाड़ी व डे-केयर केन्द्रों पर अक्टूबर 2024 में पोषाहार सामग्री दो माह के लिए सप्लाई की गई थी। इसी बीच दीपावली व शीतकालीन अवकाश होने से सामग्री दिसम्बर, 2024 के अन्तिम सप्ताह व जनवरी के प्रथम सप्ताह तक चली।
खराड़ी ने बताया कि दिसम्बर, 2024 व जनवरी, 2025 में कुछ मां-बाड़ी केन्द्रों पर कुछ दिनों के लिए व्यवस्था में व्यावधान आया
खराड़ी ने बताया कि दिसम्बर, 2024 व जनवरी, 2025 में कुछ मां-बाड़ी केन्द्रों पर कुछ दिनों के लिए व्यवस्था में व्यावधान आया। इसका कारण जिला स्तरीय क्रय समिति द्वारा समय पर क्रय आदेश जारी नहीं करना पाया गया। इस कार्य में अनियमितता के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भविष्य में इस प्रकार की समस्या नहीं हो, इस बाबत प्रत्येक मां-बाड़ी केन्द्रों को एक बार में 5000 हजार रूपये तक की राशन सामग्री स्वयं के स्तर से क्रय करने के आदेश प्रसारित किये गये हैं। इससे पहले विधायक अनिल कुमार कटारा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि मां-बाड़ी केन्द्रों का मुख्य उद्देश्य पठन-पाठन, सुपोषण, बालकों में सहभागिता का भाव उत्पन्न करना, मानसिक एवं बौद्धिक विकास है। उन्होंने बताया कि इन उदेश्यों की प्राप्ति के लिये केन्द्रों पर गणवेश उपलब्ध कराना, स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध कराना, मां-बाड़ी केन्द्र पर सुबह काम नाश्ता एवं दोपहर का भोजन उपलब्धं कराना, डे-केयर केन्द्र पर सुबह का नाश्ता दोपहर एवं सायं का भोजन उपलब्ध कराना जैसी गतिविधियां संचालित हैं। उन्होंने उक्त केन्द्रों में उपलब्ध कराये जाने वाली सुविधा एवं व्यय का वर्षवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने वर्ष 2023-24 में समस्त मां बाड़ी केंन्द्रों पर सामग्री क्रय संबंधित प्रक्रिया एवं जिलेवार संख्यात्मक विवरण भी सदन के पटल पर रखा।