जयपुर (संदीप अग्रवाल): राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बजट पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर जोरदार हंगामा हुआ। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के बयान को कांग्रेस ने आपत्तिजनक बताया और माफी की मांग को लेकर सदन के वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की। हंगामें को बढ़ता देख कई बार स्पीकर वासुदेव देवनानी ने शांत करवाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। बाद में जब विपक्ष की ओर से हंगामा ज्यादा बढ़ गया तो विधानसभा में 6 विधायकों के खिलाफ सत्ता पक्ष निलंबन का प्रस्ताव रखा। मुख्य सचेतक के द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सदन ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित 6 विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की थी विवादित टिप्पणी
दरअसल प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने कांग्रेस सरकार की एक योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले बजट 2023-24 में आपने हर बार की तरह ‘आपकी अपनी दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा। इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करार दिया। उन्होंने मांग की कि इस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए और मंत्री गहलोत इस पर स्पष्टीकरण दें या माफी मांगें। सदन में बीजेपी के मंत्री अविनाश गहलोत के इस बयान से विपक्ष में बैठी कांग्रेस जमकर भड़क गई और जोरदार हंगामा कर दिया। विपक्ष के विधायकों ने वैली में आकर स्पीकर से मंत्री से माी मंगवाने की बात पर अड़ गए और सदन में ही नारेबाजी करने लगे। लाख कोशिशों के बाद भी जब विपक्ष शांत नहीं हुआ तब सदन ने निलंबन की कार्रवाई की।
हम यहां पर गाली खाने नहीं आते- नेता प्रतिपक्ष
मामले को लेकर विधानसभा के बाहर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मंत्री खुद सदन नहीं चलाना चाहते। पहले भी जब सदन में गतिरोध बना था, तब इनके मंत्री विधायकों ने कांग्रेस नेताओं को गालियां दी थीं, लेकिन हम चुप रहे। अब मंत्री अविनाश गहलोत उस आयरन लेडी इंदिरा गांधी के बारे में गलत शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, और स्पीकर उन्हें कार्यवाही से नहीं हटा रहे। हम यहां गाली खाने नहीं आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि 4-4 मंत्री खड़े हो रहे हैं फिर भी जवाब नहीं आ रहा है। इतना ही तो पूछा था तो आप जो लखपति दीदी बना रहे उसके लिए कितना बजट खर्च किया है, बिना पैसे लखपति बना रहे हो। जूली ने ये भी कहा कि इनके मंत्री सदन में जवाब नहीं दे पाए। रफीक खान ने जब अफसरों पर फर्जी जवाब देने की बात कही तो कार्यवाही से हटा दिया गया जो कि अलोकतांत्रिक है। जूली बोले कि सत्ता पक्ष ही नहीं चाहता कि सदन चले। मंत्रियों के जवाबों से बीजेपी विधायक ही संतुष्ट नहीं हैं। हमने सदन चलाने में सहयोग का वादा किया है तो इनके गुलाम नहीं हो गए। इस तरह नहीं चलने देंगे।
कांग्रेस जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पा टिप्पणी करेगी तो क्या सत्ता पक्ष सहन कर सकेगा
मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का भी मीडिया में बयान आया है। डोटासरा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी दादी है इनके पेट में क्या दर्द है। लेकिन जो देश के लिए शहीद हो गई उनके बारे में अनर्गल बात कर रहे है। सत्ता पक्ष को माफी मांगनी चाहिए। हमने स्पीकर से अनुरोध किया था कि इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को कार्यवाही से हटाया जाए, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इससे साफ है कि सत्ता पक्ष खुद सदन को डिस्टर्ब कर रहा है, क्योंकि उनके मंत्री सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर सत्ता पक्ष को हमारी पूर्व प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने का अधिकार है, तो फिर कांग्रेस भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करेगी। क्या सत्ता पक्ष इसे बर्दाश्त करेगा? डोटासरा ने विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्पीकर भारी दबाव में काम कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के दबाव में कांग्रेस की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आरोप लगाया कि उन्होंने लखपति दीदी योजना को लेकर सवाल पूछा, लेकिन मंत्री ओटाराम देवासी जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि मंत्री के समर्थन में तीन-तीन मंत्री खड़े हो गए, फिर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कुल मिलाकर सदन में हुए हंगामे के बाद सदन ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, हाकम अली खान, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय जाटव को निलंबित कर दिया है। ये 6 विधायक अब पूरे बजट सत्र में निलंबित रहेंगे।
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