नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि भरतपुर विकास प्राधिकरण से शहर का सुनियोजित, व्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास को तीव्र गति मिलेगी। हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से भरतपुर बड़ा शहर है। गत वर्षों में शहर और नजदीकी क्षेत्र तेजी से आवासित होता जा रहा है। इसलिए अब प्राधिकरण बनाया गया है। इससे क्षेत्र में आवासन, सामुदायिक सुविधाएं और आधारभूत संरचनाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होगी। आमजन को उच्च गुणवत्तापूर्ण लोक सेवाएं मिलेंगी। झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को विधानसभा में भरतपुर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2025 पर चर्चा के बाद जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास होने से रियल एस्टेट में तेजी से विनियोजन हुआ है। इसे देखते हुए बड़े शहरों में शीघ्र विकास की आवश्यकताएं महसूस हुई हैं। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पूर्व में नगर विकास न्यास का क्षेत्रफल 53 राजस्व गांवों (18 हजार 960.95 हैक्टेयर भूमि) तक था। अब प्राधिकरण में भरतपुर शहर, तहसील भरतपुर, कुम्हेर और रारह के 210 गांवों को सम्मिलित किया गया है। इनका क्षेत्रफल 53 हजार 205.58 हैक्टेयर है। उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण में अध्यक्ष सहित 16 सदस्य होंगे। झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट 2024-25 में भरतपुर विकास प्राधिकरण बनाने के लिए घोषणा की थीं। इसकी अनुपालना में अध्यादेश लाते हुए अधिसूचना जारी कर प्राधिकरण गठित किया गया है। इससे पहले झाबर सिंह खर्रा ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। सदन में विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि भरतपुर विकास प्राधिकरण से शहर का सुनियोजित, व्यव
भरतपुर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2025 ध्वनिमत से पारित, भरतपुर विकास प्राधिकरण से सुनियोजित और योजनाबद्ध विकास को मिलेगी गति - नगरीय विकास राज्य मंत्री

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रफीक खान ने कहा-क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह, आखिर क्यों छलका विधायक का दर्द...
आखिर विधानसभा में ऐसा क्या हुआ की मीडिया के सामने भावुक हो गए कांग्रेस के मुख्य सचेतक रफीक खान। विधायक रफीक खान का दर्द छलक उठा और वह भावुक हो गए। मीडिया से बात करते हुए रफीक खान का गला भर आया और उन्होंने कहा कि सदन में मेरा चरित्र हनन किया गया। क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह है। सदन में मुझे गालियां दी गई। मैं अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहा हूं। रफीक खान ने कहा कि अगर मुसलमान होना गुनाह है तो भाजपा के लोगों से कह रहा हूं कि आप कोई कानून लेकर आ जाओ। और यह कह दो कि आगे से कोई मुसलमान विधायक चुनकर नहीं आएगा। रफीक खान भावुक होते हुए कहने लगे कि आज अगर मेरे पिता जिंदा होते तो यह शब्द सुन भी नहीं पाते। मेरे पिता हिंदी के कवि रहे और उन्होंने हमेशा हिंदी को बढ़ावा दिया है। दरअसल रफीक खान का यह दर्द इसलिए छलक क्योंकि विधानसभा में हंगामे के दौरान पाकिस्तानी-पाकिस्तानी के नारे लगाए गए थे। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस में रोष व्याप्त है और कांग्रेस लगातार इसकी निंदा कर रही हैं।
पाकिस्तानी कहने पर छलका विधायक रफीक खान का दर्द
रफीक खान ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिला तो उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री से बात करो। मैं संसदीय कार्य मंत्री से मिला तो उन्होंने कहा कि हम चर्चा नहीं करेंगे। शब्द डिलीट कर देंगे, लेकिन यह शब्द पूरे मीडिया में है। यूट्यूब पर हैं तो क्या वहां से यह शब्द डिलीट हो जाएंगे। रफीक खान ने कहा कि विधायक गोपाल शर्मा ने जिस तरह से मेरे चरित्र का चीर हरण किया वह बर्दाश्त के लायक नहीं है। रफीक खान ने कहा की विधानसभा में चर्चा कर रहे हो तो बातचीत से समाधान होना चाहिए था। आपने चर्चा के दौरान न केवल शब्दों की मर्यादा तोड़ी, जिस तरह मेरे व्यक्तित्व का चीर हरण किया गया। इस तरह के शब्द मेरे लिए इस्तेमाल किए गए , मैं उम्मीद करता हूं यह बात पूरी सरकार सुनेगी और इस बात पर चर्चा करेगी ।
राजस्थान विधानसभा में लगे थे पाकिस्तानी-पाकीस्तानी के नारे
यह मामला तब शुरू हुआ जब राजस्थान विधानसभा में नगरीय विकास और स्वायत्त शासन की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सदन का माहौल अचानक गरमा गया। कांग्रेस के सचेतक रफीक खान जब अपनी बात रख रहे थे,रफीक खान ने भजनलाल सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को नाकाम बताया। साथ ही उन्होंने एक शेर पढ़ा ‘जो रईस हैं खानदानी मिजाज रखते हैं, नरम अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई नई है‘। तभी भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने उन पर पाकिस्तानी -पाकिस्तानी का नारा लगाया। गोपाल शर्मा के इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ा ऐतराज जताया, जिससे सदन में तकरीबन दो मिनट तक नोकझोंक होती रही। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी रोष जताया था।
खान ने कहा- मुस्लिम विधायक होना गुनाह तो पास करवा दो कानून
टीकाराम जूली ने इस मामले को लेकर कहा था की सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा द्वारा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रफीक खान पर की गई टिप्पणी बेहूदा एवं स्तरहीन है। भाजपा नेताओं में बयानबाजी का स्तर दिनोंदिन गिराने की होड़ लग गई है। इन्हें विधानसभा में बोलने और सड़क पर दिए जाने वाले भाषणों में कोई अन्तर नहीं लगता है। ये भूल जाते हैं कि रफीक खान उस शेखावटी की भूमि से आते हैं जहां सभी धर्मों के लोग सेना में जाकर इस देश के लिए फक्र से अपनी जान देते हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं सदन के नेता भजनलाल शर्मा को इस पर संज्ञान लेकर विधायक पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी टिप्पणियां असहनीय एवं निंदनीय हैं। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ऐसे बयानों में क्या उनकी स्वीकारोक्ति है
राजस्थान के उपचुनावों में पार्टीयों के बीच गठबंधन को लेकर पशोपेश ।
जयपुर : उपचुनावों की घोषणा के साथ ही राजस्थान में भी चुनावी रण छिड गया है। सभी 7 सीटो पर नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 13 नवंबर को वोटिंग व 23 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आयेगा। चुनावी घोषणा के साथ ही, राज्य की सभी पार्टियां अपनी अपनी रणनितियो मे जूट गई है। गठबंधन पर भी बैठको का दौर शुरू हो गया है। हालंकि गठबंधन पर सभी पार्टियों के अपने -अपने मत है। राजस्थान में होने वाले 7 सीटो पर उपचुनाव में 4 प्रमुख पार्टिया सामने निकलकर आ रही है - भाजपा, कांग्रेस, BAP और RLP और चारो ही पार्टिया असमजम में दिख रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड का कहना है - कि वो उपचुनाव मे किसी से गठबंधन के लिए आग्रह नही करेगे , लेकिन अगर आगे से कोई निवेदन आता है - तो उसे मना भी नहीं करेंगें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उप-चुनावो को काग्रेस के लिए लिए सभी चुनौती माना , जबकि भाजपा के सभी 7 सीटो पर आश्वस्त दिखे।वहीं काग्रेस ने गठबंधन पर फैसला दिल्ली आलाकमान पर छोड़ा है। आपको बता दे ,लोकसभा चुनाव में राष्टीय पार्टी काग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी BAP से गठबंधन किया था।आदिवासी बेल्ट चौरासी विधानसभा सीट पर BAP जीत सुनिश्चत मान रही है| ऐसे में माना जा रहा था- यदि चौरासी सीट पर दोनो पार्टीयो का गठबंधन हो जाता है, तो यह बीजेपी की साख पर सवाल बन जायेगी। लेकिन कल भारत आदिवासी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान करके सभी प्रकार की सुगबुगाहट पर पुरण विराम लगा दिया है। BAP के मोहनलाल रोत का कहना है कि हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगें। चौरासी व सलूबर सीट से पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। देवली -उनियार सीट पर अभी विचार जारी है। हालंकि मोहनलाल रोत का यह भी कहना है कि- वो गठबंधन नही करेंगे, हाँ यदि काग्रेस समर्थन देती है, तो स्वागत है।
बेनीवाल ने कहा- भाजपा हमारी दुश्मन न०-1
वही दूसरी तरफ RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल का गुरुवार को एक बयान आया है.बेनीवाल ने बताया की BJP उनकी दुश्मन न०-1 है| भाजपा को सभी 7 सीटो पर मात के लिए वह काग्रेस से गठबंधन के लिए तैयार है। लेकिन देवली व खींवसर सीट पर वे अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे | बेनीवाल के अनुसार दो तीन दिन में यह साफ हो जायेगा कि दोनो पार्टियों में अलाइंस होता है कि नहीं। लेकिन अगर काग्रेस, RLP की शर्ते मान कर उनकी दो सीट की डिमांड पूरी कर देती है और सभवतः गठबंधन हो जाता है, तो बीजेपी की जीत की डगर कठिन हो सकती है, हाँ यदि मुकाबला त्रिकोणीय होता है भाजपा की जीत की संभावना अधिक हो जाती है |RLP प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि गठबंधन नहीं होता है ये देवली- उनियारा व खींवसर समेत रामगढ व झुंझुनूं यानि 4 सीटों पर चुनाव लडेंगें । इन सभी , चर्चाओ पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि वे राज्य की सभी 7 सीटो पर चुनाव लड़ने केलिए पूर्णतय तैयार हैं। लेकिन गठबंधन पर निर्णय के लिए दिल्ली में कमेटी बनायी गयी है। आलाकमान जो तय करेगा हमें वह मान्य होगा।
आपको बता दे - दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस सचिन पायलट के समर्थक को टिकट देने की संभावना बतायी जा रही| वही झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से बबलू चौधरी की दावेदारी मानी जा रही है। रामगढ़ सीट पर दिवंगत विधायक जुबेर खान की पत्नी व बेटे को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस अपना इमोशल कार्ड खेल सकती है जबकि भाजपा अपने पुराने प्रत्यशी सुखवंत सिंह को टिकट दे सकती है। चौरासी विधानसभा सीट पर BAP का दबदबा है व देवली- उनियारा , खीवंसर सीट पर RLP का वर्चस्व बना हुआ है। ( रिपोर्ट: अनुश्री यादव )
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की चतुर्थ श्रेणी परीक्षा के लिए 53749 पदों के लिए 24 लाख 76 हजार आवेदन
राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती को लेकर इस बार अभ्यर्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। इस भर्ती के तहत कुल 53,749 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इन पदों के मुकाबले रिकॉर्ड तोड़ 24 लाख 76 हजार 383 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस आंकड़े को देखें तो औसतन एक पद के लिए 46 अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा।
परीक्षा का आयोजन 19 से 21 सितम्बर 2025 के बीच किया जाएगा
इस भर्ती परीक्षा का आयोजन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 19 से 21 सितम्बर 2025 के बीच किया जाएगा। तीन दिनों तक चलने वाली यह परीक्षा प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। बोर्ड द्वारा जल्द ही परीक्षा के प्रवेश पत्र और समय-सारणी से संबंधित सूचना भी जारी की जाएगी।
चतुर्थ श्रेणी परीक्षा के लिए 53749 पदों के लिए 24 लाख 76 हजार आवेदन
राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती को लेकर इस बार अभ्यर्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। इस भर्ती के तहत कुल 53,749 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इन पदों के मुकाबले रि7कॉर्ड तोड़ 24 लाख 76 हजार 383 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस आंकड़े को देखें तो औसतन एक पद के लिए 46 अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा।
सीएम भजनलाल शर्मा पर डोटासरा ने साधा निशाना, कहा-यमुना का पानी लाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे...
यमुना जल समझौते को लेकर एक बार फिर से विपक्ष सरकार को घेरने में लगा हुआ है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शेखावाटी दौरे को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लगातार हमलावर हो रहे हैं। डोटासरा कभी सरकार से सवाल पूछते रहे हैं तो कभी तंज कसते हुए नजर आ रहे हैं। सीएम ने कहा कि यमुना जल समझौता शेखावाटी की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान लाएगा। जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने पूछा की आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी.. कैसे विश्वास करें उस भाजपा सरकार पर जिसने शेखावाटी की जनता को पग-पग पर छला है। डोटासरा ने कहा कि जनता सब जानती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयंभू भागीरथ बनकर कभी शेखावाटी में आभार प्रकट करवा रहे हैं तो कभी देव दर्शन यात्राएं कर रहे हैं। 70 साल के इतिहास में पहली बार देखा होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय सरकारी कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री की स्वागत की जानकारी दें। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्वागत की जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को देनी चाहिए थी ना कि सीएमओ को। अपने स्वागत कार्यक्रम को भी मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यक्रम बना दिया। मुख्यमंत्री जो बोल रहे हैं उनमें कोई दम नहीं है।
डोटासरा ने पूछा आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी... सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि यमुना जल समझौता शेखावाटी की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान लाएगा। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का नतीजा बताया। कांग्रेस ने शेखावाटी के पानी के मुद्दे को कभी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन डबल इंजन सरकार ने यह कर दिखाया। जिसके बाद डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा की आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी...कैसे विश्वास करें उस भाजपा सरकार पर जिसने शेखावाटी की जनता को पग-पग पर छला है, बार-बार भरोसा तोड़ा है।0सच ये है कि आप सिर्फ लच्छेदार भाषण से भोली-भाली जनता को धोखा देने और झूठ पर झूठ बोलकर गुमराह करने का काम रहे हैं।0बार-बार दंभ भरते हैं कि यमुना का पानी लाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। क्योंकि डेढ़ साल बाद भी कार्य की प्रगति शून्य है।017 फरवरी, 2024 को राजस्थान और हरियाणा के बीच हुए यमुना जल समझौते के MoU को 14 महीने बीत चुके हैं। MoU के बाद 4 महीने में दोनों राज्यों की संयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बननी थी, जो अब तक नहीं बनी। और न ही पानी सप्लाई को लेकर सरकार के अधिकारी कोई रोडमैप बना पाए।
डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा-यमुना का पानी लाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे डोटासरा ने कहा की मुख्यमंत्री सिर्फ हवाबाजी करने और टास्क फोर्स के गठन से पानी नहीं आएगा। पानी लाना तो दूर MoU में शेखावाटी की जनता के हितों के साथ कुठाराघात करने वाली भाजपा सरकार आज तक पानी के समझौता भी सार्वजनिक नहीं कर पाई।मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शेखावाटी में पेयजल के लिए करोड़ों रुपए का प्रावधान है। कहां है आपका प्रावधान और स्वीकृत राशि ये पैसा धरातल पर क्यों नहीं दिखता? डोटासरा ने कहा मुख्यमंत्री आपकी जानकारी के लिए शेखावाटी में इंदिरा गांधी नहर आधारित वृहद पेयजल परियोजना में जो भी बजट जारी हुआ है, वो पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किया गया था। आपकी सरकार ने स्वीकृत बजट के काम को भी आगे नहीं बढ़ाया। यकीन न हो तो अपने जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी जी से जानकारी ले सकते हैं। डोटासरा ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि बार-बार झूठ बोलकर और झांसे देकर पद की गरिमा को ठेस मत पहुंचाइये। शेखावाटी की जनता भाजपा के विश्वासघात और छल को अच्छे से समझती है।
हाय गर्मी... सूरज उगल रहा आग, अंगारों की तरह धधक रहे राजस्थान के कई जिले
सूरज के आग उगलने से मरुधरा की धरती तपने लगी है। राजस्थान में गर्मी के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। राजस्थान के कई शहर भीषण गर्मी की चपेट में है। झुलसाती गर्म हवाओं का प्रकोप जारी है। प्रदेश में गर्म हवाएं चल रही है। इससे दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है। गर्मी ने लोगों की रात की नींद व दिन का सुकून दोनों छीन लिया है। सूरज के तेवर इतने तल्ख हो गए हैं कि लोगों का घर से निकलना भी दूभर हो गया है गर्मी की तपिश से बचने के लिए चालक भी वाहनों को सड़क किनारे पेड़ों की छांव में खड़ाकर सुस्ताते दिखे। तेज धूप के बीच हर कोई छांव की तलाश करता नजर आया। भीषण गर्मी से अभी निजात मिलती नहीं दिख रही है। भीषण गर्मी में आमजन ही नहीं पशु-पक्षी भी परेशान हैं। वह भी नहर, रजबहा, सरोवर व अन्य जल स्रोतों के सहारे अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। राजस्थान का ऐसा कोई शहर या गांव नहीं है जहां दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम रिकॉर्ड किया गया है। चूरू, गंगानगर, चित्तौड़गढ़, सीकर और वनस्थली शहर सबसे ज्यादा गर्म रहे। इन पांचों शहरों में दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच गया।
गर्मी ने दिखाए तेवर... तो झुलस उठे राजस्थान के कई शहर राजधानी जयपुर की बात करें तो यहां भीषण गर्मी पड़ रही है। इस विकराल गर्मी ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग घरों से निकलने में हिचक रहे हैं और खासतौर पर मजदूर, रिक्शा चालक और राहगीरों की हालत बेहद दयनीय होती जा रही है। जयपुर और कोटा में तापमान ने 6 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इन दोनों जिलों में 6 साल में अप्रैल माह का सर्वाधिक तापमान रहा। मौसम विभाग ने 7 जिलों में तेज गर्मी पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया है। 20 अप्रैल से प्रदेश में तेज गर्मी और लू से राहत मिलने की उम्मीद जताई है। 20 अप्रैल से हवाओं की दिशा बदलेगी और राजस्थान में पश्चिमी हवाओं की जगह उत्तरी हवा का प्रभाव बढ़ने लगेगा। इससे दिन के तापमान में गिरावट होगी और लोगों को तेज गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है।
लू चलने से हाल हुए बेहाल...राहत के नहीं कोई आसार पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली और जालौर सहित आसपास के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसके अनुसार इन जिलों में धूल भरी आंधी और तेज हवाएं चलने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, झुंझुनूं, करौली, बीकानेर, चूरू और हनुमानगढ़ में लू चलने का अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की एकल पीठ ने कहा कि सरकार इस विकट स्थिति से निपटने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के नागरिकों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि राजस्थान जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत जो हीट एक्शन प्लान तैयार किया गया था, उसे आज तक सही तरीके से लागू नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक लू और गर्मी से संबंधित कोई गाइड लाइन या चेतावनी जारी नहीं की है, जो कि लोगों के स्वास्थ्य के हित में बेहद आवश्यक है।