सरकारी नौकरी नहीं मिली तो बेरोजगारों ने सरकारी स्कीम को ही कमाई का जरिया बना लिया। राज्य सरकार की ओर से बेरोजगारों को दिए जा रहे भत्ते में जिले में जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच 138 बेरोजगारों (73 महिला और 65 पुरुष) ने 70.62 लाख रुपए इंटर्नशिप की फर्जी हाजिरी देकर उठा लिए।
जिला रोजगार कार्यालय से 5244 बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा
अभी जिला रोजगार कार्यालय से 5244 बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा है। इनमें से करीब 3 हजार बेरोजगारों की जांच हो चुकी है, 2 हजार की जांच बाकी है। अधिकारियों के अनुसार भत्ता लेने वाले बेरोजगारों ने जिस विभाग से इंटर्नशिप की, वहां गए बिना ही हर माह हाजिरी रजिस्टर की फोटो पोर्टल पर अपलोड कर दी। हाजिरी रजिस्टर के ऑनलाइन वेरीफिकेशन में गड़बड़ी मिली तो टीम ने अलग-अलग विभागों में जाकर आकस्मिक जांच की। टीम को मौके पर न हाजिरी रजिस्टर मिला न बेरोजगार। इससे सामने आया कि बेरोजगारों की ओर से पोर्टल पर फर्जी हाजिरी अपलोड कर विभाग को इंटर्नशिप करना बताते हुए भत्ता उठाया जा रहा था।
हाजिरी का हर माह ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है
जिला रोजगार कार्यालय के अधिकारियों की ओर से भत्ता प्राप्त करने वालों की हाजिरी का हर माह ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है, लेकिन इस फर्जीवाड़े ने इस दावे की पोल खोल दी है। यानी निगरानी की कमी से योजना में गलत तरह से फायदा ले सकते हैं। बेरोजगार युवाओं की ओर से जिस विभाग में इंटर्नशिप की जा रही है, वहां हाजिरी रजिस्टर पर संबंधित विभाग के अधिकारी के साइन कराने के बाद इसकी फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है। शुरू के एक दो माह तक तो ऑरिजनल रजिस्टर की फोटो अपलोड करते रहे। बाद में इन्हीं फोटो में कांट-छांट कर महीने का नाम बदलकर पोर्टल पर अपलोड कर भत्ता उठाते रहे। जिला रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों को जब हर महीने एक तारीख पर एक ही वार मिला तो शक हुआ। जांच की तो ये फर्जी पाए गए। ऐसे सभी बेरोजगारों की ओर से अपलोड हाजिरी का डाटा एकत्रित किया गया। इसके बाद संबंधित विभाग में आकस्मिक जांच की गई तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ।