महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 5 मौतें, एक हफ्ते में 787 नए मामले सामने आए

देश में कोरोना से 11 की मौत, 1047 एक्टिव केस

Screenshot 2025-05-27 130941

देश में कोरोना वायरस, महाराष्‍ट्र में कोविड-19 के केसेज रोज बढ़ रहे हैं. सोमवार को भी राज्‍य में 69 नए केसेज आए हैं और अब राज्‍य में कुल केसेज 278 पहुंच गए हैं. सबसे अधिक 37 मामले मुंबई से रिपोर्ट हुए हैं. के मामलों की संख्या 1047 हो गई है। सबसे ज्यादा 430 एक्टिव केस केरल में हैं। महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104 और गुजरात में 83 केस हैं। कर्नाटक के 80 केसों में से सिर्फ 73 बेंगलुरु में हैं।वहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से नौ की मौत एक हफ्ते के भीतर हुई है। कोरोना से सबसे ज्यादा पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। ठाणे में सोमवार को एक महिला की मौत हुई।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में 787 नए मरीज दर्ज किए गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ राजीव बहल ने बताया कि अभी तक देश में 4 वैरिएंट मिले हैं। इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 वैरिएंट शामिल हैं।

4 मरीजों की मौत 

जनवरी 2025 से अब तक राज्य में कुल 7,830 सैंपलों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 369 नमूनों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई. इन मामलों में से अकेले 285 केस मुंबई से दर्ज किए गए हैं, जो कि संक्रमण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. इसके अलावा, सोमवार को 87 मरीजों ने कोविड से स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी प्राप्‍त की, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या में कुछ कमी आई है. हालांकि, जनवरी 2025 से अब तक राज्य में कुल 4 मरीजों की कोविड से संबंधित जटिलताओं के चलते मृत्यु हुई है. 

जयपुर में कोरोना के दो मरीज

जयपुर में सोमवार को कोरोना के दो मरीजों की मौत हो गई। इनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरी मौत प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 26 साल के युवक की हुई। उसे पहले से ही टीबी की बीमारी थी। वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। ठाणे में ही 25 मई (रविवार) को अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के युवक की मौत हो गई। उसका 22 मई से इलाज चल रहा था। इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई थी। 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। केरल में दो लोगों की कोविड से मौत हुई है।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। N.1.8.1B के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता। भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है

​​​​​ JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

कई राज्‍य हाई अलर्ट पर 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन चार मौतों में से एक मरीज को हाइपोकैल्सेमिक सीजर और नेफ्रोटिक सिंड्रोम था, दूसरे को कैंसर, तीसरे को सेरेब्रोवैस्कुलर रोग (स्ट्रोक) के दौरे आ रहे थे, जबकि चौथे को डायबेटिक कीटोएसिडोसिस (डीकेए) और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन था. कोविड मरीजों की संख्या में छिटपुट वृद्धि न केवल महाराष्ट्र में बल्कि अन्य राज्यों और कुछ अन्य देशों में भी देखी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम बदलने और यात्रा में वृद्धि के कारण मामलों में उछाल की आशंका बनी हुई है. इसी बीच, स्थिति को देखते हुए कई राज्य अलर्ट पर हैं. कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए एहतियाती कदम उठाने की भी बात कही गई है.