समरावता में हुई हिंसा पर सचिन पायलट ने सरकार को घेरा
राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। जिसे लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। अब इस मामले पर टोंक से कांग्रेस विधायक सचिन पायलट का बड़ा बयान सामने आया है। थप्पड़ कांड को लेकर सचिन पायलट ने पहली बार भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि किसे फायदा पहुंचाने के लिए टोंक में माहौल खराब किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस ने गांव में घुसकर टारगेट कार्रवाई की। लोगों के घर तोड़ दिए गए, गाड़ियां फूंक दी गईं।
थप्पड़ कांड पर गरमाई राजनीति
पायलट ने कहा, राजस्थान हो या देश का कोई दूसरा कोना हो खासतौर पर जो व्यक्ति राजनीति में हैं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन अगर वो किसी पर आक्रमण करते हैं या किसी पर हिंसा करते हैं तो कौन सही ठहराएगा। मैं तो इसे गलत मानता हूं। अगर आप हिंसा का सहारा लेकर आगे काम करना चाहते हैं तो उसका कौन समर्थन करेगा। यह सरकार पर भी लागू होता है। सरकार, पुलिस और प्रशासन ने गांव में घुसकर जो किया है। रात के अंधेरे में जाकर बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को पीटा गया है। आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। उनका क्या गुनाह था। वो कौनसे आतंकवादी थे। हिंसा अगर सरकार की मशीनरी भी करती है तो इसकी जांच होनी चाहिए। पहले कहा गया कि इसकी न्यायिक जांच होगी। अब कह रहे हैं कि संभागीय आयुक्त से जांच करवाई जाएगी। पता नहीं सरकार क्या चाहती है। लेकिन यह सरकार का एक चेहरा सामने आया है। उस दिन मतदान चल रहा था। जांच इस बात की होनी चाहिए कि यह लापरवाही जान-बूझकर की गई क्या।
सचिन पायलट ने बोला भाजपा पर तीखा हमला
सचिन पायलट ने कहा कि आखिर किसे फायदा पहुंचाने के लिए यह पूरा माहौल खराब किया गया। अगर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करवानी है तो इस मामले में ज्यूडिशरी जांच होनी चाहिए। संभागीय आयुक्त के द्वारा जांच करने की बात पर सचिन पायलट ने कहा कि इसका कोई भी परिणाम सामने आने वाला नहीं है। सरकारी अधिकारी अपने ही अधिकारियों की करतूत की क्या जांच करेंगे। इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होना बेहद जरूरी है।
सचिन पायलट ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर भी सवाल खड़े किए हैं। सचिन पायलट ने कहा कि यह उन्हें शोभा नहीं देता है। भाजपा प्रदेश में सत्ताधारी दल है। जिन महापुरुषों ने अपना पूरा जीवन देश की आजादी के लिए कुर्बान कर दिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के लिए ऐसा कहा गया है तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस पूरे मामले में माफी मांगनी चाहिए। भाजपा को इतिहास को सम्मान देना चाहिए।
सत्ता में बैठे मंत्री और मुख्यमंत्री धर्म की आड़ में वोट मांग रहे हैं। एक राज्य का चुनाव जीतने के लिए आप देश में ऐसा माहौल बनाते हैं। इसका मतलब है कि आप अपने रिपोर्ट कार्ड में फेल हैं। महाराष्ट्र में इनकी सरकार कैसे बनी सब जानते हैं। वहां आज भी खिंचाव है। सत्ताधारी गठबंधन ने यह घोषणा नहीं की है कि जो वर्तमान सीएम हैं। वे आगामी मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं बनेंगे। वहां परफॉर्मेंस जीरो है। इसलिए लोग बदलाव चाहते हैं।