सचिन पायलट को लेकर फिर मचने वाला है बवाल
राजस्थान में कांग्रेस भले ही यह कहे की हम एक हैं मगर तस्वीरें कुछ और ही बया करती हैं। राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तल्खी सालों बाद भी खत्म नहीं हुई है। दोनों नेता एक दूसरे के सामने आना कम ही पसंद करते हैं। दोनों नेताओं को एक साथ कम ही बार देखा गया है। राजस्थान में एक बार फिर से सचिन पायलट को लेकर बवाल होने की आहट सुनाई देने लगी है। सचिन पायलट एक बार फिर से पोस्टर और बैनर से गायब दिखे। इसको लेकर सचिन पायलट गुट के नेताओं में नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है। कांग्रेस की ओर से बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक से सचिन पायलट नदारद दिखे। इसके अलावा जो पोस्टर लगाए गए हैं उसमें भी सचिन पायलट को कहीं भी जगह नहीं मिली। पोस्टर में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ साथ आला कमान पदाधिकारी की फोटो भी शामिल थी। इस पोस्टर में अशोक गहलोत और टीकाराम जूली भी थे, लेकिन सचिन पायलट की फोटो कही नहीं दिखी।
पोस्टर और बैनर से फिर गायब दिखे पायलट
राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन करने और पार्टी को निचले स्तर तक सक्रिय करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की दो दिवसीय बैठक में राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट का फोटो पोस्टर में नहीं लगाने को लेकर विवाद हो गया। पायलट समर्थक पदाधिकारियों ने पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोटो लगाए जाने और सचिन का फोटो नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया। लेकिन इसके बावजूद भी पायलट समर्थक पदाधिकारी इस बात को लेकर सहमत नहीं हुए। इसके बाद तिखी नोंक झोंक शुरू हो गई। इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आप बीजेपी का काम मत कीजिए हम सब एक है। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम पायलट साहब की विरोधी नहीं हैं।
पायलट समर्थकों में दिखी नाराजगी
प्रदेश सचिव नरपत मेघवाल और इसके बाद विभा माथुर ने पोस्टर में सचिन पायलट की फोटो नहीं लगाने पर नाराजगी जताई। दोनों नेताओं ने कहा कि बैठक के बैनर पर सचिन पायलट का फोटो नहीं है, इससे क्या संदेश देना चाहते हैं। हम एक तरफ पार्टी को मजबूत करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ फोटो तक नहीं लगाते।
राजस्थान कांग्रेस में पोस्टर को लेकर दरार
कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश में राजनीति को लेकर मास्टर प्लान तैयार कर रही है। सरकार को घेरने और आगामी संगठन के काम को लेकर फैसला लिया जा रहा है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, अशोक गहलोत और प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के साथ-साथ अन्य बड़े नेता शामिल हुए थे। लेकिन सचिन पायलट इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर जिस दिग्गज नेता की बात प्रदेश की राजनीति के लिए होती है और खुद सचिन पायलट प्रदेश की राजनीति को समर्पित करते हैं, तो कांग्रेस के इतने बड़े बैठक से वह क्यों गायब थे।