बुलेट पर सवार हुए मीणा तो पायलट निकले ट्रैक्टर पर 

किरोड़ी मीणा ने की मोटरसाइकिल की सवारी तो पायलट ने चलाया ट्रैक

kirode lal sachin

 

बुलेट पर सवार हुए मीणा तो पायलट निकले ट्रैक्टर पर 

 

 

प्यार जंग और चुनाव में सब कुछ जायज है। यही कारण है कि अब प्रदेश में उपचुनाव अपने पूरे शबाब पर दिखाना शुरू हो चुका है। प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनी हुई दौसा में दो बड़े दिग्गज नेता मैदान में उतरकर चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। दोनों दिग्गज नेता वोटर को वोटर को लुभाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार प्रचार करने में जुटे हुए हैं। 
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान ने दोसा की सियासत में हलचल मचा दी है। गहलोत के बयान से पूरे  चुनाव की दिशा ही बदल गई है। गहलोत ने जब से दोसा चुनाव को मैच फिक्सिंग के आरोपों में घेरा है तब से प्रदेश की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है। ठंडा पड़ा दौसा का चुनाव एकाएक गरमा गया है। यही कारण है की इस गुलाबी ठंड के बीच सियासी पारा उबाल मार रहा है।

चुनाव का रंग जमना हुआ शुरू 
दौसा का राजनीतिक दंगल रोचक होता जा रहा है। बीजेपी के तरफ से कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मैदान में हैं तो कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ता डीसी बैरवा को मैदान में उतारा है। जगमोहन मीणा के लिए भाई किरोड़ी समेत राज्य के एक दर्जन मंत्री मोर्चा संभाले हैं वहीं डीसी बैरवा के पीछे मुरारी लाल मीणा हैं। मगर दौसा में पायलट परिवार का गढ़ होने की वजह से मुकाबला रोचक हो गया है।
कांग्रेस से दोसा के सांसद मुरारी लाल मीणा एक्टिव होकर चुनावी मैदान में उतर गए हैं। और इस चुनावी मैदान में मुरारी लाल मीणा को कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का साथ मिल रहा है। मुरारी लाल मीणा और सचिन पायलट के मैदान में उतरते ही मानों दीनदयाल बेरवा को तो संजीवनी ही मिल गई है। 

चुनाव का रंग अपने शबाब पर 
पायलट ने मैदान में उतरकर चुनावी प्रचार की कमान संभाली। सचिन पायलट ने ट्रैक्टर पर सवार होकर चुनावी फसल को जोतना शुरू किया। जैसे ही फसल जोतना शुरू किया तो विपक्ष के प्रत्याशी के होश उड़ गए। ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा कहां पीछे रहने वाले थे। किरोड़ी लाल मीणा भी बुलेट पर सवार हुए और मैदान में उत्तर पड़े। सचिन पायलट ट्रैक्टर पर तो किरोड़ी लाल मीणा मोटरसाइकिल पर सवार नजर आए।

2‌ दिग्गज नेता उतरे चुनावी मैदान में 
दोसा का चुनाव सीधी रूप से अब सचिन पायलट बनाम किरोड़ी लाल मीणा हो चुका है। दोनों दिग्गज नेताओं के बीच लड़ाई देखने को मिल रही है। सचिन पायलट और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के बीच अस्मिता की लड़ाई शुरू हो चुकी है। बाबा आला कमान से टिकट इसी भरोसे पर लेकर आए थे की चुनावी मैदान में जीत बीजेपी की ही होनी है। तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट अपने गढ़ को किसी भी हालत में अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते। पायलट अपने गढ़ दोष को हारकर आला कमान के सामने कमजोर नहीं दिखाना चाहते हैं। ऐसे में पायलट अब मैदान में उतरकर वोटर को लुभाने का हर संभव प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं।
बीजेपी ने पहली बार कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे एसटी समाज के जगमोहन मीणा को मैदान में उतारा है। इससे पहले पिछले तीन चुनाव से बीजेपी के ब्राह्मण चेहरा शंकरलाल शर्मा उम्मीदवार होते थे कांग्रेस परंपरागत रूप से एसटी के मीणा समाज को टिकट देती थी मगर इस बार किरोड़ी लाल मीणा के एसटी समाज पर पकड़ होने  और उनके भाई को टिकट देने की वजह से कांग्रेस ने दलित समाज के युवा चेहरे के रूप में डीसी बेरवा को मैदान में है। इस सीट पर ब्राह्मण सहित सामान्य वर्ग का वोट बैंक भी करीब 60 हजार है जो बीजेपी के वोटर रहे है। लेकिन अभी सामान्य वर्ग साइलेंट नजर आ रहा है।
दौसा लोकसभा सीट हारने के बाद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के लिए विधानसभा उपचुनाव अग्निपरीक्षा है। भाई जगमोहन मीणा के चुनावी मैदान में उतरने के बाद यह चुनाव उनके लिए काफी अहम हो गया है। जबकि पायलट परिवार का गढ़ दौसा सीट को ही कांग्रेस हर हाल में जीतना चाहती है। इसी सीट से सचिन पायलट ने भी अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया था। वहीं, यह सीट उनके पिता राजेश पायलट और माता रमा पायलट की भी कर्म भूमि रही है।