विधायकों के शपथ लेने पर क्यों नाराज हुए हनुमान बेनीवाल!
राजस्थान में सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने चैंबर में शपथ दिलवाई। इसको लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वासुदेव देवनानी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करके अधिनायकवाद की स्थापना की है। उन्होंने इस मामले पर कांग्रेस को भी आढे हाथों लिया। साथ ही सीएम भजनलाल शर्मा से इस पूरे मामले पर वक्तव्य देनें की मांग की है।
आपको बता दें हाल ही में राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं जिनमें दौसा, खींवसर, चौरासी, झुंझुनूं, रामगढ़, देवली उनियारा और सलूंबर शामिल है। ऐसे में सात नवनियुक्त विधायक शामिल हुए हैं। जिसमें से 5 सीटों पर भाजपा के विधायक है जबकि एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी का कब्जा है।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी पर हनुमान बेनीवाल ने लगाए आरोप
हनुमान बेनीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, राजस्थान की विधानसभा में नव-निर्वाचित विधायकों के शपथ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करके अधिनायकवाद की स्थापना करते हुए नजर आए, चूंकि कोई भी विधायक संबंधित क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधि है और लाखों मतदाता उन्हें चुनकर भेजते है। जबकि विधानसभा में संसदीय परम्परा भी रही है कि विधानसभा सत्र के समय ही विधायकों की शपथ होती रही है। मगर विधानसभा अध्यक्ष ने खींवसर सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचित हुए विधायकों की शपथ का कार्यक्रम सदन में ना रखते हुए खुद के कक्ष में रखा। साथ ही जिस तरह मुख्य सड़क पर स्थित पश्चिमी द्वार पर नव-निर्वाचित विधायकों की तलाशी लेकर उन्हें विधानसभा में प्रवेश के लिए 200 मीटर से अधिक पैदल ले जाया गया।
शपथ ग्रहण को लेकर नाराज हुए हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नव-निर्वाचित विधायक को चुनाव में विजेता घोषित होने के साथ ही विधानसभा सदस्य के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाएं प्रारंभ हो जाती है। ऐसे में नव-निर्वाचित विधायक किसी भी गाड़ी में बैठकर विधानसभा में जा सकते थे, मगर जो दृश्य विधानसभा के द्वार पर देखने को मिला व गिनती करके विधायकों के साथ गए लोगों को प्रवेश दिया गया, यह दृश्य उन विधायकों के साथ उस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है। जिन्होंने वोट देकर उन विधायकों को इस पवित्र सदन में चुनकर भेजा।
हनुमान बेनीवाल ने कहा लोकतांत्रिक मूल्यों की हुई अवहेलना
हनुमान बेनीवाल ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस पूरे मामले में कांग्रेस के किसी भी विधायक या नेता का कोई वक्तव्य सामने नहीं आया है। कांग्रेस पार्टी को किसी भी विधायक की गरिमा का कोई भी ख्याल नहीं है। हनुमान बेनीवाल ने सीएम भजनलाल शर्मा से मांग की वह सदन के नेता है इस विषय पर उन्हें खुद वक्तव्य देना चाहिए। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि आनन फानन में विधायकों को शपथ दिलवाले से अच्छा था विधानसभा का सत्र आहूत कर लेते। शपथ ग्रहण के साथ-साथ राजस्थान के मुद्दों पर भी चर्चा हो जाती।