अनीता चौधरी हत्याकांड मामले में हनुमान बेनीवाल ने थामा परिवार का हाथ

अनीता चौधरी हत्याकांड: हनुमान बेनीवाल की एंट्री के बाद धमा गतिरोध

anita chodhary

हनुमान बेनीवाल की एंट्री के बाद सरकार और पुलिस दोनों बैक फुट पर 

 

अनीता  चौधरी हत्याकांड मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की सक्रियता के बाद पुलिस बैक फुट पर नजर आई। हनुमान बेनीवाल ओसियां विधायक भैराराम सियोल और अधिकारियों के बीच चली वार्ता में परिवार की मांगों पर सहमति बनने के बाद गतिरोध थमता हुआ नजर आ रहा है। इस वार्ता में पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह भी शामिल हुए। आपको बता दें कि अनीता चौधरी हत्याकांड मामले को लेकर परिजन लगातार धरना दे रहे थे। मामले में सीबीआई जांच सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। हनुमान बेनीवाल की एंट्री के बाद अब मामला शांत होता हुआ नजर आ रहा है।

पुलिस प्रशासन और परिवार के बीच बनी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति 

ब्यूटीशियन अनीता चौधरी हत्याकांड मामले में अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। परिजन लगातार तेजा मंदिर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल परिजनों से मिलने पहुंचे। इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने परिजनों के साथ मिलकर विरोध दर्ज करवाया। हनुमान बेनीवाल ने बताया कि उनकी प्रमुख मांग सीबीआई जांच के लिए सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इस वीभत्स हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराना बेहद जरूरी है, और अन्य मांगों पर भी सहमति बनी है। ओसियां विधायक भेराराम सियोल ने भी इस पर सहमति जताई।

हनुमान बेनीवाल की एंट्री के बाद सरकार और पुलिस दोनों बैक फुट पर 
आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा, 'अनीता चौधरी की निर्मम हत्या हुई है, और इस मर्डर की गुत्थी उलझी हुई है। इस हत्या में कई लोगों का हाथ है और इसमें बीजेपी के नेता भी शामिल हैं। इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और परिजनों को मुआवजा देना चाहिए। डीसीपी, एसीपी और थानाधिकारी को एपीओ या सस्पेंड करने की भी हमारी मांग है। पुलिस परिजनों को आंदोलन करने से रोकने के लिए तेजा जी मंदिर में घुस गई, जो सही नहीं है. यह संवेदनशीलता नहीं संवेदनहीनता है। राजस्थान की गूंगी बहरी सरकार उपचुनाव जीतने में लगी थी। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। चुनाव के बीच प्रदेश में हत्या और काइम हुआ, लेकिन सरकार जनता को भूल गई।
अनीता चौधरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन के पॉलीग्राफी टेस्ट पर फैसला नहीं हो सका है। कोर्ट में उसके अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस उसे मुंबई लेकर गई है। उसकी मौजूदगी में ही पॉलीग्राफी टेस्ट को लेकर निर्णय होगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर पुलिस को गुलामुद्दीन को पेश करने का कहा है।
जोधपुर की ब्यूटीशियन अनीता चौधरी का शव एम्स हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखा है।  पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम तो करा दिया, लेकिन परिवार वाले शव उठाने को राजी नहीं हैं। राजस्थान में पिछले 7 साल में इस तरह का ये दूसरा मामला है। इससे पहले गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के परिजनों ने भी 19 दिन तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था। मानवाधिकार आयोग की ओर से हस्तक्षेप करने पर 19 दिन बाद 13 जुलाई 2017 को प्रशासन ने अंतिम संस्कार करवाया था।
पुलिस के अनुसार सरदारपुरा प्रथम बी रोड निवासी अनिता पत्नी मनमोहन चौधरी की 28 अक्टूबर की अल-सुबह गंगाणा में गुलामुद्दीन के मकान में हत्या की गई थी। मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन ने नींद की गोलियां खिलाकर अनिता को बेहोश किया था। फिर जेवर लूट लिए थे। इसके बाद उसने बेहोशी की हालत में ही अनिता के ललाट पर आंख के थोड़ा ऊपर हथोड़ा मारा था। यह वार इतना घातक था कि अनिता का ललाट फट गया था और अंदर हड्डियां तक टूट गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान हड्डियों के टूटने की पुष्टि हुई थी। संभवत: इसी से मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपी गुलामुद्दीन मुंबई भाग गया था, जिसे जोधपुर पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया था।