नरेश मीणा की जमानत याचिका हुई खारिज
राजस्थान में 'थप्पड़ कांड' से चर्चित हुए कांग्रेस के बागी नरेश मीणा 1 महीने से टोंक जेल में बंद है। नरेश मीणा की रिहाई को लेकर उनके समर्थक लगातार सड़कों पर उतरे हुए हैं। नरेश मीणा को जेल से रिहा करने की मांग लगातार उठाई जा रही है। एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले की सुनवाई ACJM उनियारा की न्यायाधीश सुरभि सिंह की अदालत में हुई। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।
13 नवंबर को हुआ था नरेश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज
पहले भी नरेश मीणा की और से जमानत याचिका लगाई गई थी जिसे खारिज कर दिया गया था। एक बार फिर टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील की गई थी। लेकिन इस बार भी से नरेश मीणा जेल से बाहर नहीं आ पाए। इधर, नरेश के समर्थकों में रिहाई की मांग को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा के खिलाफ उपचुनाव के दौरान चार मामले दर्ज किए गए थे। एसडीएम को थप्पड़ मारना, राज कार्य में बाधा डालना, आगजनी करने और पुलिसकर्मियों को चकमा देकर हिरासत से भगाने के मामले शामिल थे। ACJM कोर्ट के अभियोजन अधिकारी के अनुसार, नरेश मीणा की धारा 166 में जमानत याचिका खारिज हुई है। मालपुरा SDM अमित चौधरी ने नगर फोर्ट थाने में 13 नवंबर को मामला दर्ज कराया था कि नरेश मीणा ने उससे मारपीट की है।
थप्पड़ कांड मामले में एक माह से जेल में बंद है नरेश मीणा
थप्पड़ कांड मामला तब शुरू हुआ जब 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में उपचुनाव में वेटिंग का बहिष्कार किया गया था। सभी लोग नरेश मीणा के साथ धरने पर थे। इस दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर ग्रामीणों से जबरदस्ती मतदान करवाने का आरोप लगाया। मतदान के दौरान जब नरेश मीणा पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश करने लगे तो एसडीएम अमित चौधरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद दोनों के बीच कहा सुनी शुरू हुई। इस दौरान नरेश मीणा अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद में नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस गांव पहुंची। इस दौरान ग्रामीण और पुलिस आमने-सामने हो गई। पुलिस ने स्थिति को काबू में लाने के लिए लाठी चार्ज किया हवाई फायरिंग भी की आंसू गैस के गोले भी छोड़ें गए। इसके बाद में पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि नरेश मीणा ने अगले दिन गिरफ्तारी दे दी थी। 15 नवंबर को नरेश मीणा को बी के जरिए निवाई कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद नरेश मीणा को जेल भेज दिया गया था।
आपको बता दें की नरेश मीणा के समर्थन में युवाओं ने हूंकार भर दी है। युवाओं ने राजस्थान सरकार को एक स्वर में चेतावनी दी है। यदि नरेश मीणा को रिहा नहीं किया जाता है तो प्रदेश के सभी युवा राजस्थान की सड़कों पर नजर आएंगे। 15 तारीख तक नरेश मीणा एवं उनके साथियों को इंसाफ दिया जाए। नहीं तो युवा वर्ग 17 तारीख से राजस्थान की सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगा। नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है अब देखना यह होगा की नरेश मीणा के समर्थक अगला कदम क्या उठाते हैं।