अजमेर। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा पेश किया गया है। इस याचिका पर अदालत में सुनवाई के लिए अगली तारीख भी तय हो गई है। याचिका को अदालत में सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है जिसके बाद अब लगातार हंगामा बढ़ता जा रहा है। अदालत के इस फैसले पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले को लेकर मोदी सरकार को ही आड़े हाथों ले लिया है। अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद वहां पर चादर चढ़ाते हैं और उनकी पार्टी के लोग याचिका दायर कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री किसी भी पार्टी का हो लेकिन यहां चढ़ाते हैं चादर
ख्वाजा हसन मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर छिड़े बवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अजमेर की दरगाह 800 साल पुरानी है। इस दरगाह में दुनिया भर के लोग आते हैं। इस दरगाह में हिंदू और मुस्लिम सभी धर्म के लोग आते हैं। प्रधानमंत्री किसी भी पार्टी का हो चाहे वह बीजेपी हो या फिर कांग्रेस। दरगाह में चादर चढ़ाने के लिए जरूर पहुंचते हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू के जमाने से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी की ओर से दरगाह में चादर चढ़ाई जाती है। चादर चढ़ाने के अपने अलग ही मायने हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की आप चादर भी चढ़ाते हैं और आपकी पार्टी के लोग कैसे भी करते हैं। आप लोगों के बीच में भ्रम पैदा कर रहे हैं लोग क्या सोच रहे होंगे?
धर्म के नाम पर घृणा पैदा करना सही नहीं- गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की हर धर्म में थोड़ा बहुत भेदभाव हो सकता है। धर्म के नाम पर थोड़ी असहमति भी हो सकती है। अपने धर्म के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन इतनी घृणा पैदा कर देंगे और दूरी बढ़ा देंगे तो विकास कैसे होगा? जहां पर अशांति होती है वहां पर विकास नहीं हो सकता है। जहां अशांति होगी वहां विकास भी ठप हो जाता है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को करनी चाहिए। क्योंकि इस वक्त देश वही चला रहे हैं। गहलोत ने कहा कि जब 15 अगस्त 1947 में संसद में कानून पास हो गया था तो उसके बावजूद मंदिर दरगाह में क्या था। पहले क्या था और क्या नहीं था इसी में अगर फंसे रहेंगे तो देश के मूल मुद्दों का क्या होगा। हमारे देश के लिए यह ज्यादा महत्व रखता है की मूल मुद्दे क्या है। विकास का मुद्दा, अर्थव्यवस्था का मुद्दा, सामाजिक न्याय और सामाजिक व्यवस्थाओं का मुद्दा, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे जरूरी है।
गहलोत ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मंदिर और मस्जिद आदि के लिए कानून बना हुआ है। 15 अगस्त 1947 में यह कानून बना दिए गए थे। तो उसके बाद में किसी भी धार्मिक स्थान के खिलाफ सवाल नहीं उठाना चाहिए। अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से देश में धर्म के नाम पर राजनीति चल रही है। देश के किसी भी राज्य में चुनाव हो चाहे वह महाराष्ट्र हो या हरियाणा हो। मुद्दा सिर्फ धर्म ही होता है। सारे चुनाव ध्रुवीकरण के आधार पर जीते जा रहे हैं। यह लोग खुलकर धर्म के आधार पर टिकट बांट रहे हैं। देश की स्थिति आज बड़ी विकट होती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस और ध्यान देना चाहिए।