हनुमान बेनीवाल ने कहा खींवसर हारे तो आरएलपी मिट जाएगी
राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की सियासी बिसात बिछना शुरू हो गई है। उपचुनाव को लेकर सियासी पारा गरम है. BJP, कांग्रेस, RLP, BAP सहित सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुट गई है। खींवसर विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर फिर से कब्जा पाने के लिए हनुमान बेनीवाल मैदान में उतर कर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
खींवसर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान दिया है। बेनीवाल ने कहा कि यदि खींवसर हार गए तो लिखा जाएगा कि राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मिट गई। हनुमान बेनीवाल कांग्रेस की टिकट घोषणा का इंतजार कर रहे थे,खींवसर सीट पर कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से गठबंधन नहीं करके खुद का उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है कांग्रेस ने रिटायर्ड आईपीएस सवाई सिंह चौधरी की पत्नी डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
विधानसभा उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल की साख दांव पर
हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस की ओर से टिकट की घोषणा से पहले तक गठबंधन को लेकर बात की थी। इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा था मैं टिकट की घोषणा करके कांग्रेस से गठबंधन तोड़ना नहीं चाहता हूं, मैं दिल्ली में गठबंधन में हूं और मैं लगातार ये कह रहा हूं कि मेरी पहली दुश्मन बीजेपी है। बीजेपी को हराने के लिए अगर मुझे जहर का घुट भी पीना पड़े तो भी मै पीऊंगा। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ये चुनाव हम सबकी प्रतिष्ठा का चुनाव है, अगर ये चुनाव हम जीतेंगे तो लिखा जाएगा कि खींवसर की जनता और रालोपा जीत गय। RLP का राजस्थान विधानसभा में कोई विधायक नहीं रहा।
हनुमान बेनीवाल कर पाएंगे खिंवसर में फतेह हासिल
इसी साल में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नागौर की सीट पर आरएलपी और सीकर की सीट पर माकपा के साथ गठबंधन किया था. खींवसर सीट पर आरएलपी और कांग्रेस गठबंधन की बातें चल रही थी लेकिन बात नहीं बन पाई। कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है इसके बाद गठबंधन की सभी खबरों पर विराम लग गया है।
हनुमान बेनीवाल ने उम्मेदाराम बेनीवाल का नाम लिए बिना कहा कि एक व्यक्ति को मैंने पूछा कि तुमने मेरे साथ धोखा क्यों किया? तो उसने कहा कि धोखा नहीं करता तो सांसद नहीं बनता। मैंने कहा कि मैं ही हाथ पकड़कर कांग्रेस में बिठा देता तो वो बोला कि धोखा देकर सांसद बन गया, आपके क्या फर्क पड़ता है? लेकिन भाई इंसानों के तो फर्क पड़ता ही है।
हनुमान बेनीवाल के लिए खिंवसर क्यों है खास
बेनीवाल ने कहा कि मैं लंबे समय से मेरे परिवार से बाहर कोई योद्धा ढूंढ रहा हूं। ये हमारी प्रतिष्ठा का चुनाव है। कांग्रेस पार्टी के घमंडी नेताओं ने हरियाणा में कहा कि हमें हनुमान की आवश्यकता नहीं है। अगर मैं वहां 1 महीने रहता तो वहां कांग्रेस की 10-15 सीटें बढ़ाता। मैं जाना चाह रहा था, लेकिन कोई बुला नहीं रहा था। फिर मैं उन लोगों के प्रचार में गया, जिनको मेरी आवश्यकता थी और वो भाजपा-कांग्रेस की सत्ताओं से परेशान थे।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने से अब मुकाबला और भी ज्यादा कड़ा होने वाला है। क्योंकि इस सीट पर भाजपा हनुमान बेनीवाल के करीबी रेवत राम डांगा पर दांव खेला है। जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर रतन चौधरी को मैदान में उतार है। ऐसे में खींवसर सीट त्रिकोणीय मुकाबले में नजर आ रही है।